उत्तराखंड में भर्ती घोटालों के बाद अब एक और सरकारी योजना में फर्जीवाड़ा होने का मामला सामने आया है. हरिद्वार जिले में अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से नंदा गौरा योजना का लाभ अपात्रों को दिए जाने का बड़ा खेल पकड़ में आया है.
सीडीओ ने योजना के पहले और दूसरे चरण के अंतर्गत ऐसे 193 मामले पकड़े हैं. ममाले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और अपात्रों के अभिभावकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि हरिद्वार जनपद में साल 2022-23 में नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के लिए कुल 1,328 आवेदन मिले. जिसमें से 70 आवेदनों के आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ की गई. वहीं, 12वीं उत्तीर्ण के आधार पर कुल 4,174 आवेदन मिले. जिसमें से 123 आवेदनों के आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ की गई. इस तरह देखा जाए तो कुल 193 आवेदनों के आय प्रमाण पत्रों में छेड़छाड़ की गई थी. हालाँकि ऐसे आवेदनों को मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार द्वारा निरस्त कर दिया गया है.
इस संबंध में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने हरिद्वार में वित्तीय वर्ष 2022-23 की नंदा गौरा योजना में गलत तरीके से लाभ प्राप्त करने वाले अपात्रों के अभिभावकों और इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी आरोपियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से दंडात्मक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं.
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि आय प्रमाण पत्र में छेड़खानी कर इतनी बड़ी संख्या में अपात्रों द्वारा पात्र बालिका का हक छीना जाना खेदजनक स्थिति है, जिसे हर हाल में रोका जाना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने कहा जनमानस में यह स्पष्ट संदेश जाए कि प्रदेश सरकार अनुचित कार्रवाई में संलिप्त किसी भी व्यक्ति, विभागीय अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.
क्या है नंदा गौरा योजना
उत्तराखंड सरकार द्वारा बाल विकास परियोजना के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश की कन्याओं हेतु नंदा गौरा योजना संचालित की जा रही है. जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाली कन्याओं को लाभ दिया जाता है. नंदा गौरा देवी कन्या धन योजना के तहत बालिकाओं के जन्म के समय 11000 रूपए बालिका के माता पिता को और इस के बाद 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 51000 रूपए की धनराशि दिए जाने का प्राविधान है.