हरिद्वार के पथरी थाना क्षेत्र के फूलगढ़ शिवगढ़ ग्राम में चार लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत की खबर सामने आ रही है. मामले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया है.
आशंका जताई जा रही है कि किसी प्रत्याशी ने शराब वितरण कराई होगी. मौके पर पुलिस के अधिकारी पहुंच गए हैं. लेकिन प्रशासन ने अभी तक चार लोगों के मौत की ही पुष्टि की है. पुलिस ने मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है.
वहीं मामले में एसओ पथरी थाना को सस्पेंड कर दिया गया है. घटना को लेकर सीएम धामी ने कहा कि पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
कच्ची शराब पीने से गांव फूलगढ़ निवासी राजू अमरपाल और भोला की मौत हो गई. वहीं गांव शिवगढ़ में मनोज की भी कच्ची शराब पीने से मौत हुई है. बताया जा रहा है कि अमरपाल की जॉलीग्रांट अस्पताल में मौत हुई.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायत चुनाव के चलते वोटरों को लुभाने के लिए शराब का लालच दिया जा रहा है. लक्सर के फूलगढ़ गांव में भी प्रत्याशियों द्वारा बांटी गई कच्ची शराब पीने से चार लोगों की तबीयत बिगड़ गई तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी गांव में रोजाना कच्ची शराब बांट रहे हैं. जिसे पीने से बीती रात भी चार लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गांव में इससे पूर्व में भी तीन लोग कच्ची शराब पीने से मौत हो चुकी है. लक्सर पुलिस क्षेत्राधिकारी हेमेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस टीमें गांव में जाकर मामले की जांच कर रही हैं.
बता दें कि साल 2019 में हरिद्वार जिले के रुड़की में कच्ची शराब के सेवन से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. तभी पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की थी. माना जा रहा था 40 लोगों की मौत के बाद पुलिस-प्रशासन नींद से जाग गया होगा, लेकिन अभी भी जिस तरह से जिले में कच्ची शराब के मामले सामने आ रहे हैं. उससे एक बार फिर पुलिस की कलई खुल गई है.
साल 2019 में राजधानी देहरादून में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने शराब तस्करों पर शिकंजा कसना शुरू किया था और लगातार छापेमारी कर आरोपियों को अरेस्ट किया था. जिसके बाद आबकारी विभाग ने देहरादून और रुड़की में भी इंग्लिश व देसी शराब के ठेकों पर शराब की जांच शुरू की थी.