शनिवार को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर अपने ट्वीट के जरिए राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया. ओवैसी पर प्रहार करते हुए रावत ने यह भी कहा कि एआईएमआईएम नेता को शांति भंग करने और माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट में उत्तरकाशी जिले के पुरोला में प्रस्तावित ‘महापंचायत’ पर रोक लगाने की मांग की थी, जहां साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ था. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मौलवियों को मदरसों में बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाने की भी सलाह दी, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे. बीजेपी नेता ने हिंदू धर्मगुरुओं का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वे कभी भी युवाओं को गलत या अनैतिक काम करने के लिए उकसाते नहीं हैं.
‘‘लव और जमीन जिहाद’’ के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि भारत संविधान द्वारा शासित है और भूमि का अतिक्रमण या जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कार्रवाई कानून सम्मत है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आरोप लगाया, ‘‘वह (ओवैसी) यहां संकट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यह उनकी शैली की राजनीति के लिए उपयुक्त है.’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें धमकी भरे लहजे में बात नहीं करनी चाहिए. उत्तराखंड ने कभी भी धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया है. उन्हें संभलकर बोलना चाहिए. वह उत्तराखंड तभी आएं, जब उन्हें इसकी अनुमति दी जाए.’’ उल्लेखनीय है कि व्यापार संघों और हिंदुवादी संगठनों ने ‘‘लव जिहाद’’ की कथित घटनाओं के विरोध में उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे में एक महापंचायत बुलाई थी. लेकिन इसे बुधवार को वापस ले लिया गया.
बता दें कि यहां 26 मई की घटना के बाद पहले हिंदू महापंचायत और फिर मुस्लिम महापंचायत का एलान किया गया था.