जंगलों में आग की चपेट में आया प्रदेश अब न केवल गाँवों को, बल्कि अब शहरी इलाकों को भी खतरे का सामना कर रहा है। जहाँ धुंध के घेरे लोगों के नजरों में आसमान का रंग अब कम दिखाई दे रहा है, वहीं धुएं से लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण हवा का गुणवत्ता भी गिर रही है। इस आग के कहर से अब तक 1,144.85 हेक्टेयर जंगल नष्ट हो चुका है और कुमाऊं में पांच लोगों की मौत हो चुकी है|
सोमवार को कुमाऊं के वन्यजीव अभयारण्यों में भीषण आग से बेहद हानिकारक हादसे घटे। दूनागिरि उद्यान के द्वाराहाट स्थित भाग में वनाग्नि ने विस्तृत क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया। इसके परिणामस्वरूप उद्यान के अनेक महत्वपूर्ण पौधे और जंगली जीवन की संपत्तियां नष्ट हो गईं।
वही सोमेश्वर और बागेश्वर के वन्यजीव अभयारण्यों में भी भीषण आग से जंगलों का पूरा इलाका धुआंधार हो गया। इससे शहरी क्षेत्रों में धुएं का दायरा फैल गया और पर्यटकों के लिए समस्याएं उत्पन्न हो गईं। सीमांत जिलों में भी वन्यजीव अभयारण्यों में आग लगने से अनेक मूल्यवान पेड़-पौधों की हानि हुई, जिससे वहाँ की जैविक संपत्ति को भी बड़ा नुकसान पहुंचा।