उत्तराखंड के जंगलों में आग बेकाबू होती जा रही है. धीरे-धीरे आग अल्मोड़ा और बागेश्वर समते प्रदेश के कई वन क्षेत्रों में पहुंच गई है. आलम ये है कि, इस भीषण आग ने अबतक 1000 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलाकर राख कर दिए हैं, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई है. वहीं दूसरी ओर आग के कहर से कई आवश्यक सेवाएं बाधित हो रही हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने तमाम जिलाधिकारियों को एक हफ्ते का नोटिस देकर आग पर काबू पाने और नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं.
बेतहाशा पसरती इस आग ने आमजन की जीना दुश्वार कर दिया है. जंगलों से निकलने वाले धुएं के चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत पेश आ रही है. साथ ही इससे खराब दृश्यता के चलते पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी हवाई अड्डे पर उड़ानों का आगमन रोक दिया गया है.
वहीं अल्मोडा जिले के दूनागिरी मंदिर में तीर्थयात्रियों के लिए स्थिति और भी ज्यादा गंभीर हो गई है. आग ने मंदिर के रास्ते को अपनी चपेट में ले लिया, जिसके चलते तीर्थयात्रियों को बिना दर्शन भागने पर मजबूर होना पड़ा है. वहीं आग की चपेट में आए इलाकों के स्थानीय लोगों ने आग पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, उनका कहना है कि राख की धूल हर चीज को ढक लेती है, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो रहा है. लोगों ने इस मंजर सर्वनाशकारी बताया है, जहां रात में पहाड़ियां जलती है और दिन के दौरान घने धुएं से दृश्यता धुंधली हो जाती थी.
अफसोसनाक है कि, इस भयंकर आग ने अबतक पांच लोगों की जान ले ली है, जिसमें एक पूजा नाम की नेपाली मूल की 28 वर्षीय महिला भी शामिल है, जो बीते शनिवार को अल्मोडा जिले में एक पाइन रेजिन फैक्ट्री के पास जंगल की आग बुझाने के प्रयास में गंभीर रूप से घायल हो गईं और जलने के कारण उसकी मौत हो गई. वहीं पिछले हफ्ते ही आग से झुलस कर उसके पति और दो अन्य लोगों की मौत हुई थी.