आज से ही चैत्र मास की शुरुआत हो गई है, जो संक्रांति के साथ आता है। गढ़वाल-कुमाऊं के बच्चों में फूलदेई लोकपर्व के उत्साह ने सुबह से ही गांवों में खुशी का दीप जलाया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने भी अपने आवास में इस खास मौके पर बच्चों के साथ रंग-बिरंगे वस्त्रों में उत्सव मनाया। वे बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और देशवासियों को त्योहार की हार्दिक बधाई दी।
इस अवसर पर वे देश और प्रदेश की समृद्धि की कामना करते हुए उन्होंने लोकपर्वों के महत्व को भी बड़ी महत्वाकांक्षा के साथ बताया। गत वर्ष प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर में फूलदेई को बाल पर्व के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
फूलदेई पर्व न केवल वसंत के आगमन का संदेश देता है, बल्कि इस दिन बच्चे हाथों में रंग-बिरंगे फूलों से सजी टोकरियां लेकर उत्सव की शुरुआत करते हैं और सुबह-सुबह हर घर की देहरी पर फूल चढ़ाते हैं। कुछ जगहों पर यह पर्व आठ दिनों तक मनाया जाता है तथा कुछ जगहों पर इसे पूरे चैत्र मास तक बच्चे धूमधाम से मनाते हैं। इस खास मौके पर, देहरादून के कौलागढ़ गढ़ी कैंट में स्थित सांस्कृतिक कल्याण परिषद की शाखा ने आचार्य डॉ बिपिन जोशी के आवास पर फूलदेई पर्व का शुभारंभ किया, जहाँ बच्चों ने घर की देहरी में फूल और अक्षत चढ़ाकर एक अद्वितीय आयोजन का आयोजन किया।