केदारनाथ यात्रा के दौरान शारीरिक फिटनेस अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, चाहे उम्र कोई भी हो। 16 किलोमीटर के पैदल मार्ग पर खड़ी चढ़ाई और लगातार बदलते मौसम में तापमान के उतार-चढ़ाव से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस यात्रा में छोटी सी लापरवाही भी जीवन पर भारी पड़ सकती है।
इस वर्ष यात्रा के केवल 23 दिनों में ही 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिसमें ज्यादातर मामलों में बेचैनी, सांस लेने में कठिनाई और हार्ट अटैक जैसे कारण सामने आए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, केदारनाथ यात्रा में उम्र से अधिक शारीरिक फिटनेस महत्वपूर्ण होती है। इस यात्रा के दौरान 65% से अधिक श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हैं। 16 किमी के इस कठिन मार्ग पर कई यात्री तेज कदमों से चलते हैं और कम कपड़े पहनते हैं, जिससे शरीर जल्दी थक जाता है। रामबाड़ा से आगे ऑक्सीजन की कमी शुरू हो जाती है, जिससे अधिकतर यात्रियों को सिरदर्द होने लगता है।
इन बातों का रखे ध्यान
पैदल यात्रा करते समय नींबू पानी और ओआरएस का नियमित सेवन करना चाहिए
तेज न चले धीरे-धीरे चलना चाहिए।
मौसम के हिसाब से शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए जून के महीने में भी हल्के गर्म कपड़े पहनना जरूरी है।
वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. संजय तिवारी का कहना है कि सोनप्रयाग और गौरीकुंड की तुलना में केदारनाथ का मौसम काफी अलग होता है।