हल्द्वानी| कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं एक बार फिर टल गई हैं. इस सबके बीच परीक्षाओं को लेकर असमंजस अभी बरकरार है. यूनिवर्सिटी के 80 हज़ार से ज्यादा स्टूडेंट्स इस बात को लेकर परेशान हैं कि आखिर परीक्षाएं होंगी भी कि नहीं. यूनिवर्सिटी के पास फ़िलहाल इस बात का कोई साफ़ जवाब नहीं है. विश्वविद्यालय अपनी मजबूरी बता रहा है और कुलपति ने गेंद यूजीसी के पाले में डाल दी है.
उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी (UOU) के कुलपति प्रोफ़ेसर ओमप्रकाश सिंह नेगी ने बताया कि उनकी योजना 24 अगस्त से 30 सितंबर के बीच परीक्षाएं कराने की थी. चूंकि उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के अपने परीक्षा केंद्र नहीं हैं इसलिए विश्वविद्यालय को पहले कुमाऊं, श्रीदेव सुमन गढ़वाल विश्वविद्यालय और हेमवतीनंदन बहुगुणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ तालमेल बैठाना होता है. इन तीनों विश्वविद्यालयों के कैंपस में ही यूओयू के परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं.
प्रोफ़ेसर नेगी ने बताय कि चूंकि गृह मंत्रालय की गाइड लाइन्स के मुताबिक ये तीनों यूनिवर्सिटी 31 अगस्त तक बंद हैं, इसलिए परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं यानी टालनी पड़ी है. परीक्षाएं होंगी या नहीं इसका फैसला यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को ही करना है.
उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी कुलपति के मुताबिक आमतौर पर उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी 58 केंद्रों के जरिए परीक्षा कराती है लेकिन इस बार कोरोना सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए परीक्षा केंद्र बढ़ाए जाएंगे.
यूओयू में 17 विषयों में ग्रेजुएशन, 33 विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन, 9 विषयों में पीजी डिप्लोमा, 10 विषयों में डिप्लोमा और 21 तरह के सर्टिफिकेट कोर्स तक शामिल हैं.