उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के तहत 30 लाख लाभार्थी मुफ्त इलाज से वंचित हैं, जबकि पांच साल बाद भी शत प्रतिशत लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाया है। बिना आयुष्मान कार्ड के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं है, जिससे लोगों को उनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में बाधा हो रही है।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत, प्रदेश सरकार ने विशेष राशन कार्डधारकों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई थी। इसका मकसद था कि वे जो अपने राशन कार्ड के अभाव में इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे, उन्हें भी उचित स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा मिले।
लेकिन अब तक केवल 52 लाख लाभार्थियों के कार्ड बने हैं, जबकि योजना के तहत लगभग 82 लाख लोगों को इस सुविधा का लाभ उठाने का अधिकार है। इसके बावजूद, इसे अभियान के तहत उन लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।