आगामी 14-15 जनवरी को उत्तरायण और मकरैणी का त्योहार बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा. इससे पहले शनिवार 13 जनवरी को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सुपरटेक ईको विलेज-2 में उत्तराखंडी समाज ने दूसरे शरदोत्सव का आयोजन किया. सोसाइटी में रहने में उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल अंचल के लोगों ने अपने पारंपरिक वस्त्रों में सज-धजकर सोसाइटी में झांकी निकाली.
इस झांकी के लिए उत्तराखंड के पुरुषों ने जहां कुर्ता-पायजामा के साथ पहाड़ी टोपी पहनी हुई थी. वहीं महिलाओं ने साड़ी और पिछोड़ा ओढ़कर सोसाइटी में उत्तराखंड की झलक पेश की. झांकी सोसाइटी में मौजूद मंदिर से शुरू हुई. इस झांकी का मुख्य आकर्षण पहाड़ी बैंड और छोलिया डांस रहे. सोसाइटी में मौजूद अन्य समाज के लोगों ने भी इस झांकी में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया और पहाड़ी संस्कृति की सुगंध को महसूस किया.
पहाड़ी बैंड में नगाड़ा, दमऊ, बीनबाज (बैगपाइपर), रणसिंग, छोलिया और निशाण ने लोगों को ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. झांकी के बाद शाम को सोसाइटी के क्लब में पहाड़ी समाज ने रंगारंग कार्यक्रम किया. इस कार्यक्रम में महिलाएं, बच्चे और पुरुष पहाड़ी गानों पर न सिर्फ थिरके, बल्कि कई बच्चों और महिलाओं ने पहाड़ी गाने गाकर अपनी संस्कृति की मिसाल पेश की.
यह शरदोत्सव पहाड़ी समाज का एक तरह से शक्ति प्रदर्शन भी रहा. जिसमें उन्होंने सभी को जताया कि पहाड़ी समाज इकट्ठा है और अपनी संस्कृति के प्रति संजीदा भी है. कार्यक्रम का कोई मुख्य आयोजक नहीं था, बल्कि पूरे पहाड़ी समाज ने मिलकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया और सफल बनाया.