केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि और बेहतर भीड़ प्रबंधन के उद्देश्य से बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने दर्शन की समय-सारणी में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब बाबा केदार को बाल भोग दोपहर 12 बजे अर्पित किया जा रहा है, जो पहले किसी अन्य समय होता था।
इसके साथ ही भक्तों को एक बजे से शृंगार दर्शन का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इस परिवर्तन का उद्देश्य अधिकाधिक श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन का लाभ दिलाना और मंदिर में भीड़ प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना है, जिससे भक्तजन बिना किसी अवरोध के अपने आराध्य के दर्शन कर सकें। इन बदलावों से मंदिर परिसर में अनुशासन और व्यवस्था में भी सुधार हुआ है।
कोरोना काल के बाद, बाबा केदारनाथ के बाल भोग और शृंगार दर्शन के समय में बदलाव किया गया है। पहले बाबा को दोपहर दो बजे के बाद बाल भोग लगाया जाता था और शाम पांच बजे से शृंगार दर्शन कराए जाते थे। धाम में भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, बीकेटीसी ने दर्शन के समय में परिवर्तन किया है ताकि अधिक से अधिक भक्त भगवान के दर्शन कर सकें।
नई व्यवस्था के अनुसार, 1 जून से बाबा केदार को दोपहर 12 बजे बाल भोग लगाया जा रहा है, जिसके दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। इस समय गर्भगृह की सफाई और अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इसके बाद एक घंटे बाद, दोपहर 1 बजे से भक्तों को शृंगार दर्शन के लिए मंदिर के सभामंडप से अनुमति दी जाती है।
इस बदलाव से न केवल अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर मिल रहा है, बल्कि भीड़ प्रबंधन में भी सहायता मिल रही है। शाम 7 बजे होने वाली सांयकालीन आरती के बाद भी, रात 10:30 बजे तक भक्त शृंगार दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद, रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक भगवान केदारनाथ की विशेष पूजाएं की जाती हैं। सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक भक्त धर्म दर्शन का आनंद ले सकते हैं।