उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव की घटनाओं से दहशत का माहौल के बीच अब उन घरों को चिन्हित किया जा रहा है जिनमें ज्यादा बड़ी दरारें आई हैं, या फिर उनके गिरने का खतरा बढ़ गया है. जिला प्रशासन की तरफ से अब ऐसे घरों पर लाल क्रॉस के निशाना लगाए जा रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इन जगहों पर आवाजाही को समय रहते प्रतिबंधित किया जा सके. यही नहीं ऐसे घरों में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.
जोशीमठ में भूधंसाव की वजह से अब तक 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ गई हैं. जिसे लेकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन तेजी से काम कर रहा है. चमोली के डीएम ने जोशीमठ के हालात को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि “जोशीमठ में भू-धंसाव की वजह से जिन घरों पर खतरा मंडरा रहा है उन मकानों को जिला प्रशासन की ओर से रेड क्रॉस लगाकर चिन्हित किया जा रहा है.
इसके साथ ही जोशीमठ के सिंहधर, गांधीनगर, मनोहरबाग, सुनील वार्ड को असुरक्षित घोषित किया गया है. इन वार्डों में प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए मार्किंग की जा रही है.
दरअसल जमीन धंसाव के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने जोशीमठ को तीन जोन में बांट दिया है. ये तीन जोन असुरक्षित, सुरक्षित और बफर जोन में बांटे गए हैं. जोन के आधार पर घरों के चिन्हीकरण के आदेश दिए गए हैं. असुरक्षित जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं. सुरक्षित जोन में वो भवन होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और दरारों का आकार स्थिर है बढ़ नहीं रहा है. बफर जोन में वो भवन होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है.
जोशीमठ के हालात पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं. शनिवार को सीएम धामी ने पूरे इलाके का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया था. सीएम धामी ने यहां के लोगों से बात की और जमीनी स्तर पर हालात को समझा. जिसके बाद जोशीमठ में खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. सीएम धामी के मुताबिक अब तक खतरे वाले घरों में रहने वाले 68 परिवारो को शिफ्ट किया गया है. इसके अलावा 600 घरों को एक जोन बनाया गया है जहां से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है.