उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कें धंसने की घटनाएं आम हो गई हैं। कई जगहों पर मलबा गिरने से सड़क मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल और टिहरी शामिल हैं।
राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण मकान ढहने और गाड़ियां मलबे में दबने की खबरें सामने आई हैं। मलबे में फंसी गाड़ियों को निकालने के लिए बचाव दल लगातार प्रयासरत हैं। NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और पहाड़ी इलाकों में न जाएं।
वहीं, नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। लोग भयभीत हैं और सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।