उत्‍तराखंड

सीएम धामी और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात कर बंधाया ढांढस

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अंकिता भंडारी के पौड़ी स्थित गांव डोभ श्रीकोट उनके माता-पिता से मिलने पहुंचे. उनके साथ में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री धामी ने दिवंगत अंकिता भंडारी के माता-पिता को सांत्वना देते हुए सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया.

बता दें कि सीएम धामी ने पिछले दिनों अंकिता के परिजनों को 25 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. वहीं कांग्रेसियों ने अंकिता हत्याकांड को मानवता के लिए शर्मसार करने वाला बताया. उन्‍होंने दोषियों को फांसी देने की मांग की. उत्तराखंड में अंकिता भंडारी की हत्या के बाद अभी भी लोगों में गुस्सा बना हुआ है. ‌

वहीं दूसरी ओर अंकिता के परिजनों से भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी अंकिता के परिजनों से मिलने पहुंचे.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के माता पिता को आश्वासन दिया कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. उन्होंने कहा कि आरोपियों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पहले सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अंकिता के माता-पिता से मुलाकात की थी. वहीं, कांग्रेस के तमाम बड़े नेता जिसमें पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी अंकिता के घर पहुंचे चुके है.

गौरतलब है कि 19 साल की अंकिता भंडारी श्रीकोट के पास ही स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिसॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि यहां पर पुलकित आर्य अंकिता भंडारी ने गलत काम करना चाहता था, जिसका अंकिता भंडारी ने विरोध किया था.

इस वजह से पुलकित आर्य और वनंत्रा रिसॉर्ट के दो मैनेजरों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता भंडारी की 18 सितंबर की रात को हत्या कर दी थी. उसका शव चीला नहर में फेंक दिया था. इसके बाद पूरे उत्तराखंड में पिता की हत्या को लेकर आक्रोश फैल गया था. लोगों ने अंकिता को न्याय दिलाने के लिए राजधानी देहरादून श्रीनगर पौड़ी में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किए थे.

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