उत्तराखंड जाने वाली दूसरे राज्य की गाड़ियों को अब एक्सट्रा टैक्स भरना पड़ सकता है. उत्तराखंड सरकार ने राज्य में प्रवेश करने वाली गाड़ियों से टैक्स वसूलने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है. राज्य सरकार ने योजना की फाइल केंद्र सरकार को भेजा है. केंद्र से अनुमति मिलने के बाद योजना लागू कर दी जाएगी.
उत्तराखंड सरकार के इस नए टैक्स का नाम- ग्रीन टैक्स है. ग्रीन टैक्स पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. ग्रीन टैक्स को आसान भाषा में प्रदूषण टैक्स या फिर पर्यावरण टैक्स भी कहा जाता है. ये टैक्स खासतौर पर उन वाहनों पर लगता है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं.
इस तकनीक से कटेगा टैक्स
उत्तराखंड में प्रवेश करने वाली गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने के लिए एएनपीआर टेक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा. उत्तराखंड की सीमाओं पर एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरे गाड़ियों के नंबर प्लेट की पहचान करेंगे और संबंधित वाहन के फास्टैग वॉलेट से ऑटोमैटिक शुल्क कट जाएगा. उत्तराखंड की सभी सीमाओं पर ये नियम लागू होगा.
इतना लगेगा टैक्स
दोपहिया वाहन: ग्रीन टैक्स से छूट मिलेगी.
तीन पहिया वाहन: 20 रुपये का टैक्स
चार पहिया निजी वाहन: 40 रुपये का टैक्स
मध्यम व भारी वाहन: क्रमशः 60 रुपये और 80 रुपये का टैक्स
इन लोगों को टैक्स से मिलेगी राहत
बता दें, इलेक्ट्रिक गाड़ियों, सीएनज गाड़ियोंस, उत्तराखंड के नंबर प्लेट वाली गाड़ियों, सरकारी गाड़ियों, दमकल की गाड़ियों और एंबुलेंस को ग्रीन टैक्स से छूट दी जाएगी. इमरजेंसी सेवाओं में लगी गाड़ियों को भी टैक्स से छूट दी जाएगी.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियों के कारण गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है. पहाड़ी क्षेत्रों की हवा और पर्यावरण इससे प्रभावित हो रही हैं. साल 2024 में चारधाम यात्रा के लिए 12 लाख गाड़ियां उत्तराखंड आईं थीं. इनमें से आठ लाख से अधिक सिर्फ निजी वाहन थे.
आसान भाषा में कहें तो उत्तराखंड में घूमना अब महंगा पड़ सकता है. पर्यटन के साथ-साथ चारधाम यात्रा भी इससे नाम मात्र महंगी हो सकती है.