उत्तराखंड में 26 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र आरंभ होने जा रहा है। एएनआई के समाचार एजेंसी के अनुसार, सरकार सदन में विरोध प्रदर्शन के नाम पर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्तराखंड सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक’ पेश किया जाएगा। बिल के नुकसान की भरपाई आरोपियों से होगी और इसके लिए सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
यह कदम संविधान के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और सामाजिक न्याय को स्थापित करने में मदद करेगा। उत्तराखंड सरकार ने विधेयक के माध्यम से उपद्रवियों को नियंत्रित करने का उद्देश्य रखा है ताकि समाज में सुधार हो सके और समृद्धि का मार्ग प्राप्त हो सके। इस नए कानून के द्वारा, सरकार ने उपद्रवियों के प्रति निरंतर निगरानी रखने का आश्वासन दिया है और उन्हें कठिन कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। यह उत्तराखंड की न्यायिक प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करेगा और उपद्रवियों को डराने में मदद करेगा।
इसके अलावा, यह विधेयक एक प्रभावी तंत्र को स्थापित करेगा जो कीटाणु संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारेगा। इस तरह की कठोर कार्रवाई से, सरकार ने उत्तराखंड की सुरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और समाज में शांति और अनुशासन को स्थापित करने का प्रयास किया है।