उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में खाने-पीने की चीजों में जानबूझकर थूक मिलाने जैसी घृणित हरकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मुद्दे पर गंभीर रुख अपनाते हुए कहा है कि राज्य सरकार ऐसे कृत्यों को रोकने और अपराधियों को सख्त सजा देने के लिए कड़े कानून बनाएगी.
खाद्य सुरक्षा और नैतिकता पर जोर
धामी सरकार ने हाल के दिनों में विभिन्न घटनाओं के बाद इस मुद्दे पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि ऐसे अपराध केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता के दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मानदंडों के खिलाफ भी हैं. मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “खाद्य पदार्थों में थूक मिलाना केवल एक अपराध नहीं है, यह हमारे समाज की नैतिकता और मानवता के खिलाफ एक घृणित हमला है. इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
सख्त कानून का प्रस्ताव
धामी सरकार ने राज्य के कानून विभाग को निर्देश दिया है कि वह ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान सुनिश्चित करे.
इस प्रस्तावित कानून के तहत:
थूक या किसी भी प्रकार की गंदगी को खाने-पीने की चीजों में मिलाने पर कठोर दंड का प्रावधान किया जाएगा.
दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा, जिसमें लंबे समय तक की कैद और भारी जुर्माना शामिल हो सकता है.
इस प्रकार की हरकत को जानलेवा अपराध की श्रेणी में भी रखा जा सकता है, क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए सीधा खतरा है.
सरकार का कदम क्यों जरूरी?
देश के कई हिस्सों में खाने-पीने की वस्तुओं में थूक मिलाने जैसी घटनाओं की रिपोर्ट सामने आई हैं, जिससे न केवल लोगों में भय और आक्रोश फैल रहा है, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. खासकर, कोविड-19 महामारी के बाद स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ी है, और इस तरह की हरकतें समाज में असुरक्षा की भावना को जन्म दे रही हैं.
सख्त सजा से अपराधियों में डर
राज्य सरकार का मानना है कि कठोर कानून और सख्त सजा से इस तरह की हरकतों पर लगाम लगाई जा सकेगी. सरकार के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई की जाएगी, और इन्हें जनता के सामने उदाहरण बनाकर पेश किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की घृणित हरकत करने से पहले सौ बार सोचे.
धामी सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, और ऐसे असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा. हम सुनिश्चित करेंगे कि राज्य में हर व्यक्ति स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में अपना जीवन जी सके.”