उत्तराखंड में कोरोना के साथ साथ डेंगू का खतरा भी बढ़ने की आशंका है. इससे स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इसकी रोकथाम व बचाव के लिए सचिव स्वास्थ्य राधिका झा ने विभाग को अलर्ट किया है. उन्होंने डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए.
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि ‘डेंगू व चिकनगुनिया रोग की रोकथाम व बचाव के लिए स्वास्थ्य समेत संबंधित विभागों की भी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर अंतर विभागीय समन्वय बैठक कर व्यापक रणनीति बनाई जाए. डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने केे लिए फॉगिंग के साथ स्वच्छता अभियान चलाया जाए. इसके लिए ब्लाक वार माइक्रो प्लान बनाकर कार्रवाई और जन जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें.’
सचिव ने आगे कहा कि ‘सभी जिलों में डेंगू की जांच सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। अस्पतालों में अलग से डेंगू आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानी युक्त बेड और दवाईयां उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने सभी ब्लड बैंकों में प्लेटलेट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.’
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि ‘पानी की टंकी, कूलर, सीमेंट की हौदी, गमले, फ्रिज की ट्रे आदि में पानी जमा होने के कारण डेंगू मच्छर का लार्वा पनप सकता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि डेंगू मच्छर पर नियंत्रण के लिए घर के आसपास पानी को जमा न होने दें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. डेंगू के लक्षण होने पर डॉक्टरों से परामर्श अवश्य लें.’