प्रदेश में बिजली की मांग फिर से छह करोड़ यूनिट के करीब पहुंच गई है, जिससे उपलब्धता में कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए यूपीसीएल को रोजाना बाजार से एक से सवा करोड़ यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है।
बावजूद इसके, यूपीसीएल प्रबंधन का दावा है कि वर्तमान में किसी भी क्षेत्र में घोषित या अघोषित बिजली कटौती नहीं की जा रही है।
सोमवार को प्रदेश में बढ़ती गर्मी ने यूपीसीएल की समस्याओं को फिर से बढ़ा दिया। पिछले सप्ताह मौसम के सामान्य होने पर बिजली की मांग घटकर 5.4 करोड़ यूनिट रह गई थी, लेकिन सोमवार को यह मांग फिर से बढ़कर छह करोड़ यूनिट हो गई। इसके विपरीत, यूपीसीएल के पास केंद्र और राज्य से कुल मिलाकर केवल 4.5 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध है।
वर्तमान में करीब 1.2 करोड़ यूनिट बिजली बाजार से खरीदी जा रही है। यूपीसीएल को यह बिजली नकद में खरीदनी पड़ती है, जो एक महत्वपूर्ण चुनौती है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार के अनुसार, स्थिति अभी नियंत्रण में है और बिजली की उपलब्धता बाजार से खरीदकर सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कहीं भी शेड्यूल रोस्टिंग नहीं की जा रही है।