दून में जगह-जगह सड़क के किनारे कूड़े के ढेर और डस्टबिन के आसपास बिखरा कचरा आम बात है। अगर इससे मुक्ति पानी है तो जरूरी है शहर को डस्टबिन फ्री शहर बनाना। नगर निगम हालांकि इस दिशा में आगे तो बढ़ रहा है, लेकिन डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था को पुख्ता किए बिना इस प्रयास का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। हालत यह है कि घरों में कूड़ा वाहन न पहुंचने के कारण लोग कूड़ा सड़कों और खाली प्लाटों के साथ ही नदी, नालियों में फेंक रहे हैं।
दून नगर निगम स्वच्छता के पायदान पर देशभर में टॉप-50 का सपना देख रहा है। इसके लिए निगम प्रयास भी कर रहा है, लेकिन यह प्रयास धरातल पर उम्मीद के मुताबिक नजर आ रहा है। पांच सालों से स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रतिभाग कर रहा निगम अभी तक कूड़े के ढेर और कचरे की समस्या से दून को निजात नहीं दिला पा रहा है। हालांकि इसमें आम लोग भी उतने ही जिम्मेदार है, जितना नगर निगम।
बता दे कि दून शहर को डस्टबिन फ्री शहर बनाने की योजना की तैयारी की जा रही है। 16 जगहों से डस्टबिन हटा भी दिए गए हैं। देखा रहा है कि यह स्थान अब साफ नजर आ रहे हैं। धीरे-धीरे जैसे संसाधन बढ़ेंगे, उस हिसाब से अन्य डस्टबिन भी हटा लिए जाएंगे। प्रयास किया जा रहा है कि डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था को मजबूत किया जाए।