अब खुलेगा हल्द्वानी हिंसा का राज! पुलिस के हत्थे चढ़ा मास्टरमाइंड-10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

नैनीताल| उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को सेशन कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. बीते शनिवार को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे सेशन कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उसे रिमांड पर भेजा गया. 6 मार्च तक वह पुलिस की रिमांड पर रहेगा. इस दौरान पुलिस मलिक से हिंसा को लेकर पूछताछ करेगी.

बता दें कि 8 फरवरी को हुई हिंसा के बाद से वह फरार चल रहा था. जिसकी गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस आसपास के कई राज्यों में लगातार दबिश दे रही थी. अपील में आरोपी के दिल्ली पते का भी उल्लेख किया गया है. आवेदन देखने के बाद उत्तराखंड पुलिस दिल्ली के पते पर पहुंची और अब्दुल मलिक को गिरफ्तार कर लिया.

नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रह्लाद नारायण मीणा ने कहा कि गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित विभिन्न राज्यों में मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद की तलाश के लिए छह टीम गठित की गईं थीं. मीणा ने संवाददाताओं से कहा कि इनमें से एक टीम ने मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसका बेटा अब भी फरार है. उन्होंने कहा, ‘हम मलिक को हल्द्वानी ले आए हैं.

वह हमारी हिरासत में है. उसे जल्द से जल्द अदालत में पेश किया जायेगा.’ पुलिस ने बताया कि मलिक के अलावा, शनिवार को दो और दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया, जिससे मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 81 हो गई है.

मलिक ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में कथित तौर पर एक ‘‘अवैध’’ मदरसा बनाया था। इसे ढहाये जाने के कारण आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में हिंसा फैल गई थी. मलिक ने प्रशासन की कार्रवाई का जबरदस्त तरीके से विरोध किया था और उसकी पत्नी साफिया ने मदरसे को गिराने के नगर निगम के नोटिस को चुनौती देने के लिए अदालत का रुख किया था. अदालत ने हालांकि उन्हें तत्काल राहत नहीं दी थी और मदरसे को गिरा दिया गया, जिससे मुस्लिम बहुल बनभूलपुरा क्षेत्र में पथराव और आगजनी की घटनाएं शुरू हो गईं थीं.

मलिक और उसके बेटे के खिलाफ 16 फरवरी को एक ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किया गया था और उसकी संपत्तियां कुर्क की गईं थीं. बनभूलपुरा हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों और पत्रकारों समेत सौ से अधिक लोग घायल हो गये थे.

शुरू में दर्ज की गई तीन प्राथमिकियों के अलावा, पुलिस ने मलिक और उसकी पत्नी साफिया सहित छह लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, अवैध निर्माण करने और भूमि के हस्तांतरण के लिए एक मृत व्यक्ति के नाम का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए एक नया मामला दर्ज किया था.

एसएसपी ने कहा कि नये मामले में आरोपियों पर झूठे हलफनामे के आधार पर सरकारी विभागों और अदालत को गुमराह करने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उन पर आईपीसी की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 417 (धोखाधड़ी) और 420 (धोखाधड़ी और बेइमानी से संपत्ति के वितरण के लिए प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि आरोपियों पर झूठे हलफनामे के आधार पर सरकारी विभागों और अदालत को गुमराह करने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. उपनिरीक्षक अनीस अहमद के नेतृत्व वाली एक पुलिस टीम को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने 50,000 रुपये का नकद इनाम दिया है.



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