शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में ऑल वेदर रोड परियोजना की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना राष्ट्रीय एवं सामरिक महत्व की महत्वपूर्ण परियोजना है, इसके क्रियान्वयन मे आ रही कठिनाइयों का प्राथमिकता के आधार पर समयबद्धता के साथ निराकरण किया जाय. उन्होने कहा कि चार धाम ऑल वेदर रोड योजना राज्य सरकार के साथ ही भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है. इस योजना को निर्धारित अवधि के अन्दर पूर्ण किया जाना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 889 कि0मी0 की लगभग 11700 करोड़ की यह योजना राज्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. योजना के पूर्ण होने पर चारधाम यात्रा मार्ग पर आवागमन में सुविधा होने के साथ ही सीमान्त क्षेत्रों तक आवाजाही में आसानी होगी. यह योजना इस क्षेत्र के विकास की नई राह भी प्रशस्त करेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण में आ रही कठिनाइयों को नियमित रूप से सभी सम्बन्धित विभाग नियमित रूप से समीक्षा कर उनका निराकरण करें. इस सम्बन्ध में भारत सरकार के स्तर से जो स्वीकृतियां प्राप्त की जानी है. उन्हें सन्दर्भित किया जाय. भारत सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है इसके लिए धनराशि की भी कोई कमी नही है. मुख्यमंत्री ने उर्जा विभाग को सड़क निर्माण में बाधक विद्युत लाईनों को तुरन्त शिफ्ट करने के भी निर्देश दिये. उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को सभी आवश्यक सहयोग एवं सुविधाये भी दिये जाने को कहा है. मुख्यमंत्री ने पेयजल विभाग को पेयजल लाइन शिफ्ट करने के भी निर्देश दिये. सड़क निर्माण में बाधक वृ़क्षों के कटान की स्वीकृति के लिए भी शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन के अन्तर्गत सड़क निर्माण के लिए 15 दिन के अन्दर इन्वायरमेंट इम्पेक्ट एसेसमेंट की व्यवस्था की जाय. ताकि इस क्षेत्र में बनने वाली सड़क निर्माण में भी तेजी आ सके. मुख्यमंत्री ने चारधाम सड़क मार्ग पर किये जाने वाले वृक्षारोपण की योजना भी तैयार करने को कहा. इसके साथ ही सड़को के आस-पास स्थापित किये जाने वाले पेट्रोल पंप, विश्राम स्थलों, इको पार्को के लिए भी स्थान चिन्हित किये जाय. उन्होंने अतिरिक्त भूमि पर महिला स्वयं सहायता समूहो के लिए कियोस्क बनाये जाने की भी बात कही. मुख्यमंत्री ने भूमि अधिग्रहण का मुवाअजा प्राप्त करने वाला कोई भी व्यक्ति छूटने न पाये इसका भी ध्यान रखने को कहा. कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण सामाग्री नियमित रूप से उपलब्ध होती रहे इसकी भी व्यवस्था की जाय.
समीक्षा बैठक में आल वेदर रोड निर्माण के लिये कार्यदायी संस्थाओं में लोक निर्माण विभाग द्वारा ऋषिकेश-रूद्रप्रयाग (140कि0मी0), एन.एच.आई.डी.सी.एल एवं बीआरओ द्वारा रूद्रप्रयाग-माणा(160 कि0मी0), बीआरओ एवं पीआईयू ऋषिकेश-धरासू(144 कि0मी0), एनएचआईडीसीएल एवं बीआरओ धरासू-गंगोत्री(124 कि0मी0), एनएचआईडीसीएल एवं पीडब्लूडी धरासू-यमुनोत्री(95 कि0मी0), पीडब्लूडी रूद्रप्रयाग-गौरीकुंड (76 कि0मी0), पीडब्लूडी टनकपुर-पिथौरागढ़(150 कि0मी0) में सात पैकेजों पर चल रहे निर्माण कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि 672 की0मी0 के 40 स्वीकृत कार्यों पर निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. अन्य अवशेष सड़को के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रक्रिया गतिमान है. बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन, सचिव आर0के0सुधांशु, नीतेश झा, सुशील कुमार, अपर सचिव नीरज खेरवाल, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे.