देहरादून| यूकेएसएसएससी की भर्तियों में हुए गड़बड़ झाले के बाद लोक सेवा आयोग को भर्तियां ट्रांसफर कर दी गई हैं. वहीं इस पूरी प्रक्रिया में घोटाले के चलते उम्र की सीमा पार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए भी सरकार कुछ राहत भरी खबर जल्द दे सकती है.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में सामने आए पेपर लीक मामले में अब तक एसटीएफ ने 39 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं सरकार ने यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाला सामने आने के बाद 7000 भर्तियां यूकेएसएससी से हटाकर लोक सेवा आयोग के अधीन कर दी हैं.
इस प्रक्रिया में पांच ऐसी भर्तियां भी रद्द कर दी गई हैं, जिनमें परीक्षाएं हो चुकी हैं, लेकिन रिजल्ट नहीं आया है. अब यह सभी परीक्षाएं लोक सेवा आयोग द्वारा की जाएंगी.
लोक सेवा आयोग ने बड़ा ऐलान किया है कि वह जल्द ही इन सभी भर्तियों का कैलेंडर जारी करेगा. लेकिन इसके बावजूद भी पिछले 2 सालों से चल रही भर्ती प्रक्रिया अब एक बार फिर से नए सिरे से शुरू होगी.
ऐसे में कई ऐसे बेरोजगार युवा हैं, जोकि अपनी उम्र की सीमा को पार कर रहे हैं. ओवर एज हो रहे अभ्यर्थियों की चिंता है कि सरकार उनके इस पहलू पर भी ध्यान दे और घोटाले की वजह से देरी से हो रही भर्ती प्रक्रिया में कहीं वह भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने से ही वंचित ना रह जाएं.
भर्ती प्रक्रिया में आई तमाम तब्दीली के बाद अभ्यर्थियों की इस चिंता को लेकर सरकार संवेदनशील नजर आ रही है. खुद सीएम धामी ने इस संबंध में कहा कि वह भर्ती प्रक्रियाओं के सभी पहलुओं पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह भर्तियों में लंबे समय से लगातार हो रही धांधलेबाजी को खत्म करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं.
यूकेएसएसएससी की पूरी तरह से सफाई कर रहे हैं और वहां पर ऐसी व्यवस्था विकसित कर रहे हैं, ताकि युवाओं का जो भरोसा यूकेएसएसएससी से उठ चुका है, उसे दोबारा बनाया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से हो इसके लिए उन्होंने लोक सेवा आयोग को 7 हजार से ज्यादा भर्तियां ट्रांसफर की हैं.
वहीं उम्र की सीमा को लेकर चिंता कर रहे अभ्यर्थियों को लेकर भी सीएम धामी ने स्पष्ट कहा कि वह इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि ऐसे अभ्यर्थियों को उम्र की सीमा में रिलैक्सेशन दिया जाए.
सीएम धामी ने गंगोत्री धाम,उत्तरकाशी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ’रक्तवन ग्लेशियर एवं अन्य तीन पर्वत चोटियों पर आरोहण हेतु जा रहे पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. के संयुक्त अभियान दल का फ्लैग ऑफ किया.
इस अवसर पर उन्होंने गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की एवं मां गंगा का आशीर्वाद लिया. मुख्यमंत्री ने करीब 1 किलोमीटर रक्त वन ग्लेशियर जा रहे दल के साथ ट्रैकिंग भी की. उन्होंने आयोजित कार्यक्रम में मां गंगा की निर्मलता,अविरलता और स्वच्छता को लेकर शपथ दिलाई.
सीएम धामी ने कहा की पतंजलि आयुर्वेद, निम एवं आई.एम.एफ. का संयुक्त ट्रैकिंग अभियान उत्तराखंड राज्य एवं भारतवर्ष के लिए मील का पत्थर साबित होगा, इस ट्रैक के माध्यम से आयुर्वेद, जड़ी बूटी एवं वनस्पतियां औषधियों के नए रुप सामने आएंगे.
यह अभियान आयुर्वेद, जड़ी बूटी में क्षेत्र में भी सहायता करेगा. उन्होंने कहा भारत ने संपूर्ण विश्व को योग एवं आयुर्वेद कि उपयोगिता को बताया है. सीएम धामी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि हम उत्तराखंड को विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाएंगे, उन्होंने कहा पीएम ने केदार की भूमि से 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया, जिस संकल्प को पूर्ण करने हेतु हम दिन-रात प्रयासरत हैं.
इस बार चार धाम यात्रा में अभी तक 32 लाख ( रजिस्टर्ड ) श्रद्धालुओं ने यात्रा की है, मां गंगा एवं बाबा केदार के आशीर्वाद से यात्रा सुगम एवं सुरक्षित चल रही है. कावड़ यात्रा के दौरान करीब 4 करोड कावड़िए शिव भक्त उत्तराखंड आए. पहली बार हमारी सरकार ने कावड़ यात्रा में बजट का प्रावधान किया.
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड आध्यात्म एवं सांस्कृतिक राजधानी बनने जा रहा है. उत्तराखंड दुनिया का आयुर्वेद के क्षेत्र में नेतृत्व करें, इसके लिए पतंजलि, सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है, जिसके लिए हम 1 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश करेंगे.
उन्होंने कहा युवा राज्य का विकास युवा सीएम से ही संभव हो सकता है. सीएम धामी के नेतृत्व में ही देश में सबसे पहले उत्तराखंड राज्य, समान नागरिक संहिता लागू किए जाने पर कार्य कर रहा है.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा इस अभियान के तहत हमारे द्वारा प्रकृति को संस्कृति से जोड़ने का प्रयास किया जा है. उन्होंने कहा निश्चित ही इस अभियान से हम सभी नया आयाम व मुकाम लेकर लौटेंगे, इस ट्रैक के माध्यम से ऐसी वनस्पतियां औषधियां जो किसी सूची में नही है, उन्हें खोजने का काम करेंगे, उन्हें इस यात्रा ट्रैक को शोध आधारित यात्रा बताया.
उल्लेखनीय है कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी तथा पतंजलि आयुर्वेद, हरिद्वार और भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के संयुक्त रूप से गंगोत्री के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में पर्वतारोहण तथा अन्वेषण अभियान 15 दिन तक आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में किया जा रहा है. इस संयुक्त अभियान के दौरान अनाम तथा अनारोहित पर्वत शिखरों का आरोहण तथा हिमालय के इस दुर्गम क्षेत्र में अन्वेषण का कार्य सम्पन्न किया जायेगा.
इस इलाके में स्वतन्त्रता के पश्चात 1981 में अन्वेषण का कार्य Joint Indo-French Exploration Team द्वारा किया गया था. इस अन्वेषण दल को अथक प्रयासों के बावजूद भी आधे इलाके का भ्रमण करने में ही कामयाबी मिल पाई. इसके पश्चात इस इलाके में आजतक कोई भी दल आरोहण व वनस्पति की खोज में नहीं गया है.
इस संयुक्त अभियान को संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, सेना मेडल के अतिरिक्त संस्थान के दो पर्वतारोहण प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई तथा बिहारी सिंह राणा ( IMF Representative) करेंगे. इसके
साथ पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में 7 सदस्यीय टीम इस संयुक्त अभियान में प्रतिभाग कर रही है. इस संयुक्त अभियान का प्रमुख उद्देश्य हिमालय के दुर्गम क्षेत्र रक्तवन ग्लेशियर में अवस्थित अनाम तथा अनारोहित 6 हजार मी. से ऊंचे पर्वत शिखरों का आरोहण करने के साथ ही क्षेत्र में अन्वेषण का कार्य करना है.
जिसमें इस क्षेत्र में पाये जाने वाले औषधीय पौधों से सम्बन्धित जानकारियों को एकत्रित किया जायेगा. हिमालय में स्थित दुगर्म तथा विषम भौगोलिक क्षेत्र में औषधीय पौधों तथा पर्वतारोहण का संयुक्त सर्वेक्षण करेंगे.
इस अवसर पर पूर्व जनसंपर्क अधिकारी मुख्यमंत्री किशोर भट्ट, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण,नगर पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, एसडीएम चतर सिंह चौहान, मीनाक्षी पटवाल,जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश चौहान, जिला महामंत्री हरीश डंगवाल, लोकेंद्र बिष्ट, प्रधानाचार्य निम कर्नल अमित बिष्ट, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल,सचिव सुरेश सेमवाल,सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी एवं भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.