उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जंगल की आग के कारण चार वनकर्मियों की दुखद मौत के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कठोर कदम उठाए हैं। इस घटना के बाद कुमाऊं क्षेत्र के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। मुख्य वन संरक्षक नार्थ और डीएफओ अल्मोड़ा को निलंबित कर दिया गया है, जबकि सीसीएफ कुमाऊं को स्थानांतरित कर दिया गया है।
सीएम धामी के निर्देशों के तहत विभाग अब इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
वनाग्नि की भयानक घटना में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में बिनसर रेंज के वन बीट अधिकारी त्रिलोक सिंह मेहता (40), जो उडलगांव बाड़ेछीना के निवासी थे, शामिल थे। उनके साथ ही दैनिक श्रमिक दीवान राम (35) पुत्र पदी राम, जो ग्राम सौड़ा कपड़खान के निवासी थे, भी जान गंवा बैठे। इसके अलावा, फायर वाचर करन आर्या (21) पुत्र बिशन राम, जो कफड़खान के निवासी थे, और पीआरडी जवान पूरन सिंह (50) पुत्र दीवान सिंह, जो ग्राम कलौन के निवासी थे, ये सभी इस दुखद घटना में अपनी जान से हाथ धो बैठे।
ग्राम भेटुली के निवासी 21 वर्षीय फायर वाचर कृष्ण कुमार, पुत्र नारायण राम, और 38 वर्षीय वाहन चालक भगवत सिंह भोज, पुत्र बची सिंह, के साथ-साथ ग्राम खांखरी के निवासी 44 वर्षीय पीआरडी जवान कुंदन सिंह नेगी, पुत्र प्रताप नेगी, और ग्राम धनेली, अल्मोड़ा के निवासी 54 वर्षीय दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट, पुत्र बद्रीदत्त भट्ट, गंभीर रूप से झुलस गए हैं।