उत्‍तराखंड

हल्द्वानी शहर के विकास हेतु प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की सीएम धामी ने की समीक्षा

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शुक्रवार को सीएम धामी ने सर्किट हाउस काठगोदाम में हल्द्वानी शहर के लिये पीएम मोदी द्वारा की गई 2200 करोड़ की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकास योजनायें धरातल पर दिखाई दे यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है. सीएम ने कहा कि जन सेवा ही हमारा लक्ष्य है। आम जनता से जुड़ी योजनाओं का समय से क्रियान्वयन सुनिश्चित करना अधिकारियों का दायित्व है.

सीएम ने समेकित शहरी अवसंरचना विकास योजना के तहत एडीबी द्वारा वित्त पोषित नगर के विकास हेतु डीपीआर तैयार कर रही कार्यदायी संस्था (यूयूएसडीए) उत्तराखण्ड अर्बन सेक्टर विकास एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं की डी.पी.आर. अभी तैयार नहीं हुई है, उन्हें शीघ्र अंतिम रूप दिया जाए.

उन्होंने कहा कि शहरी विकास के लिए जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी डीपीआर में शामिल किया जाए इसके लिए उन्होंने कार्यदायी संस्था को 10 दिन के भीतर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों व अन्तर विभागीय बैठक करने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि डीपीआर फाइनल करने से पहले अन्तर विभागीय बैठक करने से आपसी समन्वय बना रहेगा व बाद में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पडे़ेगा. उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था सुनिश्चित करें कि निर्माण से पूर्व ही सड़क पर सर्विस डक्ट डाली जाए जिससे जनता को बार-बार परेशानियों का सामना न करना पडे व सरकारी धन का दुरुपयोग न हो. उन्होंने मण्डलायुक्त कुमाऊ दीपक रावत को प्रत्येक सप्ताह कार्य की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए जिससे कार्य धरातल पर दिख सके.

सीएम ने निर्देश दिये कि अधिकारियों को योजनाओं की जानकारी व आंकड़े मौखिक याद होने चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को तैयारी के साथ आगामी बैठक में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए. योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रहे विलम्ब के प्रति सीएम द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कतिपय अधिकारियों की लचर कार्यशैली के कारण सरकार आलोचना की भागीदार बनती है. इसके लिए उन्होंने समस्त अधिकारियों को अपनी कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए साथ ही जनता के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से निस्तारित करने को कहा.

बैठक में मण्डलायुक्त दीपक रावत ने सीएम को अवगत कराया कि पानी आपूर्ति और सीवरेज कार्य के लिए रूप्ये 1298 करोड़ की डीपीआर तैयार कर नियोजन एवं एडीबी को भेज दी गई है जिसमें जल आपूर्ति की कुल लागत रूपये 835.94 करोड़ व सीवरेज की रूपये 461.77 करोड. लागत की डीपीआर तैयार की गई है. वर्ष 2025 को आधार वर्ष मानते हुए 2055 तक की जनसंख्या का लक्ष्य टारगेट करते हुए डीपीआर तैयार की गई है.

इस योजना में जल निकासी प्रबंधन के लिए 300 करोड़., सुरक्षा एवं निगरानी के लिए 100 करोड. व शहरी परिदृश्य व परिवहन के लिए 500 करोड़. का प्राविधान है जिनकी डीपीआर फाइनल की जानी है. शहर के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए हरित क्षेत्र के विकास हेतु सरकारी विद्यालयों, डिग्री कॉलेज व अन्य क्षेत्रों में हरित क्षेत्र का विकास किया जाए. कि हल्द्वानी के पुराने बाजार को भी एक ही सिममेट्री में तैयार किया जाए जिससे बाजार आकर्षक व भव्य लगे.

इसके साथ ही विद्युत की लाइनों को भूमिगत किया जायेगा, जिससे बाजारों की सौंदर्यता हल्द्वानी में भी पर्यटकों को आकर्षित करें. हल्द्वानी कुमाऊॅ का प्रमुख शहर है, जहाँ निकासी व सीवरेज की प्रमुख समस्या है. वर्तमान में शहर के समस्त क्षेत्र सीवरेज से नहीं जुड़े है, इस डीपीआर के माध्यम से शहर के सीवरेज व सेप्टिक टैंक की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा जिससे सीवरेज का शुद्धिकरण एसटीपी टैंक का माध्यम से हो सके.

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस योजना के तहत आधुनिक तकनीक व उत्तराखंड के पौराणिक वास्तुकला( गौथिक शैली )से हल्द्वानी के पुराने बाजार का भी सौंदर्यीकरण किया जायेगा. हल्द्वानी के पुराने बाजार को भी एक ही सिममेट्री में तैयार किया जाए जिससे बाजार आकर्षक व भव्य लगे. इसके साथ ही विद्युत की लाइनों को भूमिगत किया जायेगा, जिससे बाजारों की सौंदर्यता हल्द्वानी में भी पर्यटकों को आकर्षित करें.

इस अवसर पर मेयर डॉ. जोगेन्दर पाल सिंह रौतेला, विधायक एवं पूर्व मंत्री बंशीधर भगत, विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, रामसिंह कैडा, उपाध्यक्ष जिला पंचायत आनन्द दरम्वाल सहित जन प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे.

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