सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने जनपद खटीमा भ्रमण के दौरान थारू राजकीय इंटर कॉलेज पहुंचकर परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. सीएम धामी ने कॉलेज पहुंच कर अपनी पुरानी यादें ताजा की. गौरतलब है कि सीएम इस विद्यालय के छात्र रहे हैं.
सीएम धामी ने विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते थे और लिखने के लिए तख्ती का उपयोग किया करते थे. उन्होंने कहा कि उनके आगे बढ़ने में विद्यालय का बहुत बड़ा योगदान है.
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने एग्जाम के दौरान उत्पन्न होने वाले तनाव, जिज्ञासा आदि पर मार्गदर्शन किया है, सीएम ने कहा कि तनाव से दूर रहने हेतु एक्जाम वारियर परीक्षा पे चर्चा पुस्तक को अवश्य पढ़ना चाहिए.
बालिका अष्टवी राज ने प्रश्न पूछा कि जैसे परीक्षा की घड़ी नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे घबराहट बढ़ती जा रही, किस प्रकार टाइम मैनेजमेंट करें कि सारे सब्जेक्ट कवर हो जाएं, इस पर सीएम ने कहा कि परीक्षा से घबराने की जरूरत नहीं है, कठिन लगने वाले सब्जेक्ट को अधिक समय दीजिए, शिक्षकों, दोस्तों के साथ टॉपिक एवं विषय पर विस्तार से चर्चा कीजिए. उन्होंने कहा कि मैं भी सामान्य छात्र रहा हूं, हमें किसी भी सब्जेक्ट को कठिन नहीं मानना चाहिए बल्कि एक पाठ के बाद दूसरे पाठ को इस प्रकार लेना चाहिए कि कुछ अच्छा और नया सीखने के लिए मिलेगा.
सीएम ने कहा कि व्यक्ति स्वयं के लिए सबसे अच्छा टाइम मैनेजर होता है, अपनी आवश्यकता के अनुसार टाइम मैनेज करना चाहिए और प्रातःकाल जरूर उठना चाहिए तथा दिनचर्या में व्यायाम एवं खेलों को भी शामिल करना चाहिए.
मोहम्मद रेहान ने प्रश्न पूछा कि बारहवीं के बाद क्या विकल्प चुनना चाहिए, सीएम ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को यह जरूर सोचना चाहिए कि हमें किस क्षेत्र में आगे बढ़ना है, क्या करना है. सीएम ने कहा कि हमें अपनी रूचि के अनुसार करियर का विकल्प चुनना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे गुरु एवं अभिभावक कैरियर चुनने के लिए गाइड कर सकते हैं परंतु कैरियर का चुनाव हमें अपनी रूचि के अनुसार ही करना चाहिए.
मोहम्मद आरिफ ने प्रश्न किया कि एग्जाम के नजदीक आने पर प्रेशर एवं डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है, पढ़ाई कैसे की जाए, इस पर सीएम ने कहा कि “मन के जीते जीत है, मन के हारे हार“. सीएम ने कहा कि एग्जाम से डरने की जरूरत नहीं है, एग्जाम युद्ध का मैदान नहीं है और प्रश्न सिलेबस के बाहर से भी आने वाले नहीं है अर्थात प्रश्न सिलेबस से ही पूछे जाएंगे, सीएम ने कहा कि टाइम का ही मैनेजमेंट करना है और पूरी निष्ठा ईमानदारी एवं लगन से पढ़ाई करने के साथ-साथ व्यायाम एवं खेलकूद को भी समय देना चाहिए.
प्रेरणा ने प्रश्न पूछा कि पहले और अब की पढ़ाई में क्या परिवर्तन दिखाई दे रहा है, इस पर सीएम ने कहा कि अंतर इतना है कि पहले तख्ती पर पढ़ाई लिखाई होती थी और टाट एवं चटाई पर बैठकर पढ़ाई करते थे. उन्होंने कहा कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है तकनीकी ज्ञान वर्तमान के बच्चों को ज्यादा है.
प्रियांशी ने पूछा कि नकारात्मक विचारों से कैसे बचा जाए, सीएम ने कहा कि व्यक्ति को सकारात्मक सोच रखनी चाहिए क्योंकि सोच से ही विचार उत्पन्न होते हैं, उन्होंने कहा कि मन में सकारात्मक सोच, उत्साह एवं उमंग होनी चाहिए. हमारे मन में उत्साह होगा तो हमारे अंदर ऊर्जा आएगी और खराब सोच भूल जाएंगे. श्री धामी ने कहा कि अपनी सोच के दायरे को कुआ की तरह सीमित न रखते हुए विशाल महासागरों की तरह बढ़ाना होगा, स्वामी विवेकानंद ने भी कहा है कि मनुष्य अनंत शक्ति एवं ऊर्जा का भंडार है.
आरिश ने प्रश्न पूछा कि स्पोर्ट्स के क्षेत्र में कौन-कौन सी योजनाएं हैं जिससे आगे बढ़ा जा सकता है, सीएम ने कहा कि सरकार नई स्पोर्ट्स नीति लेकर आई है जिसमें प्रावधान किया गया है कि यदि कोई खेल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसके बाहर आने जाने, रहने, खाने के साथ ही नौकरी की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि नौकरियों में खेल कोटा शुरू कर रहे हैं.
अनमोल प्रजापति ने प्रश्न किया कि अपनी घबराहट एवं झिझक को कैसे दूर कर सकते हैं, इस पर सीएम धामी ने कहा कि हमें अपने सोचने का नजरिया बदलना चाहिए, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आप किसी सभा में बोल रहे हैं तो यह सब मन से निकाल देना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति हमसे ज्यादा विद्वान इस सभा में उपस्थित है, क्योंकि उस समय सभी विद्वान सिर्फ और सिर्फ आपको सुन रहे होते हैं, आपको सकारात्मक विचारों के साथ अपनी बात को रखते रहना चाहिए. सीएम ने कहा कि मन में नकारात्मक सोच नहीं रहनी चाहिए और मोरल हाई रखना चाहिए, झिझक स्वतः ही दूर हो जाएगी.
अंजू गंगवार ने प्रश्न पूछा कि पॉलिटिक्स में कैसे आगे बढ़ा जाए, इस पर सीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि जितने भी लोग देश दुनिया में इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है उनका शुरुआती जीवन में कुछ बनने के लिए नहीं सोचा होगा, सीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि “मुझे कुछ बनने के लिए नहीं बल्कि कुछ करने के लिए बनना है“. सीएम ने कहा कि राजनीति ही नहीं अपितु अपनी रूचि के अनुसार चुने गए कार्य क्षेत्र में पूरी ईमानदारी निष्ठा एवं लगन, समय बाध्यता के साथ कार्य करोगे तो निश्चित ही उस क्षेत्र के लीडर कहलाओगे. इसके साथ ही रिजवान अहमद ने एनसीसी, राहुल बडोनी ने इंग्लिश मीडियम आदि के बारे में प्रश्न पूछा, जिनका जवाब भी सीएम ने दिया.
सीएम ने इस अवसर पर ऑडिटोरियम को आधुनिक बनाने, मुख्य भवन की मरम्मत कराने तथा फील्ड/खेल मैदान का सौंदर्यीकरण कराने की घोषणा की. इस दौरान जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्य सहित विद्यार्थी तथा शिक्षक आदि उपस्थित थे.