उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भूस्खलन प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने और प्रभावित परिवारों से मिलने शनिवार को जोशीमठ पहुंचे. बता दें कि जोशीमठ में मकानों में दरारें आ गई हैं और लोग ठंड में डेरा डाले हुए हैं. यहां करीब 600 घरों और अन्य संरचनाओं में मिट्टी के खिसकने के कारण दरारें आ गई हैं. जमीन धंसने से मकानों में दरारें आने से दहशत का माहौल है.
मुख्यमंत्री ने जोशीमठ का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने यहां प्रभावित क्षेत्रों का जमीनी निरीक्षण भी किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात भी की. राज्य सरकार ने शुक्रवार को उन घरों में रहने वाले लगभग 600 परिवारों को तत्काल खाली करने का आदेश दिया, जिनमें भारी दरारें आ गई हैं.
बता दें कि जोशीमठ बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार है और इसे उस स्थान के रूप में जाना जाता है जहां सदियों पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क, जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं.
जोशीमठ में एक मंदिर शुक्रवार की शाम को ढह गया, जो एक साल से अधिक समय से अपने घरों की भारी दरार वाली दीवारों के बीच लगातार भय के साये में जी रहे निवासियों के लिए चिंता का विषय है. शहर के इलाके में घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं, जो लोगों के लिए खतरे की घंटी है