सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं के संदर्भ में लोगों से पिरूल को इकट्ठा करने की अपील की थी। इस अपील के प्रभाव से अब पहाड़ी इलाकों में ग्रामीण पिरूल एकत्र करने लगे हैं। लोग इस मुहिम में सक्रियता दिखा रहे हैं और उनकी साझेदारी से जंगलों की सुरक्षा में सहायक बन रहे हैं।
पिरूल को वनाग्नि का बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में अब सरकार वनाग्नि को रोकने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है। सीएम धामी के निर्देश के बाद इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये प्रति किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे।
पिरूल कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा गया है।