उत्‍तराखंड

सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 को साकार, करेगा चिंतन शिविरः सीएम पुष्कर सिंह धामी

देहरादून| गुरूवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में सशक्त उत्तराखण्ड @ 2025 चितंन शिविर के समापन सत्र में संबोधित करते हुए कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए पिछले 3 दिनों से जो मंथन हुआ, इसके आने वाले समय में सुखद परिणाम मिलेंगे.

उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए अधिकारियों द्वारा जो रोडमैप बनाया जा रहा, इसका प्रस्तुतीकरण देखकर अच्छा प्रतीत हो रहा है.

अधिकारियों ने राज्य हित से जुड़ विषयों पर काफी मेहनत की है. उन्होंने कहा कि इस चिंतन शिविर में जो भी सुझाव आये हैं, इनको कार्ययोजना में लाया जायेगा. महत्वपूर्ण सुझावों को कैबिनेट में भी लाया जायेगा. सीएम ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है. सीएम ने कहा कि गांवों में जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुननी होंगी, ताकि उन समस्याओं का शीघ्रता से समाधान हो.

सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में राज्य में अनेक कार्य हो रहे हैं. पीएम उत्तराखण्ड के विकास के प्रति हमेशा चिंतित रहते हैं. चारधाम आल वेदर रोड, पर्वतमाला, हवाई सेवाओं के विस्तार, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन, केदारनाथ पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ मास्टर प्लान पर तेजी से काम हो रहा है. केदारनाथ व हेमकुंड के रोपवे की सौगात हमें मिली है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का मुख्य सेवक होने के नाते कुछ बिंदु नीति आयोग उपाध्यक्ष के समक्ष उन्होंने रखें है. उम्मीद है हमारी अपेक्षाओं को नीति आयोग अपना सहयोग प्रदान करेगा. सीएम ने कहा कि पीएम के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित फ्लैगशिप कार्यक्रमों के संबंध में सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इनका तेजी से क्रियान्वयन हो.

सीएम ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि जन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से हो. जिन समस्याओं का समाधान तहसील या जिला स्तर पर हो सकता है, वह अनावश्यक रूप से शासन, मंत्रियों और सीएम तक न पहुंचे. इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए.

स्वच्छ भारत अभियान के साथ ‘टीम उत्तराखंड’ की थीम लेकर हम आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि जो अच्छा काम करने वाले अधिकारी हैं, उनका प्रोत्साहन होना चाहिए. इसके लिए उत्कृष्टता पुरस्कार दिये जाने की व्यवस्था की जाए. सीएम ने कहा कि इस तरह का आयोजन अगले छह माह में फिर से करने का प्रयास किया जायेगा.

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सामान्य व्यक्ति जैसे सोचता है, वैसे ही सरल तरीके से लोगों की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करें. यह भी अच्छी पहल है कि कि जूनियर अधिकारी प्रस्तुतिकरण दे रहे थे और सीनियर सवाल कर रहे थे.

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस तीन दिवसीय चिंतन शिविर में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों एवं कर्मवीरों द्वारा जो मंथन किया गया, इसके भविष्य में सुखद परिणाम मिलेंगे. उन्होंने कहा कि राजस्व व्यय को कम करने की दिशा में प्रयास करने होंगे. राज्य में आय के स्रोतों को बढ़ाना होगा. राज्य के समग्र विकास के लिए शहरी क्षेत्रों के साथ पर्वतीय क्षेत्रों का सुनियोजित विकास हो, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय. विभिन्न कार्यों एवं योजना के लिए केंद्र से प्राप्त होने वाली धनराशि का सुनियोजित तरीके से समय पर व्यय किया जाय. राजस्व वृद्धि की दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे.

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस प्रकार के चिंतन शिविर समय समय पर होते रहें. जिससे राज्य हित में आगे की योजनाएं बन सके. उन्होंने कहा कि जन सुविधा के दृष्टिगत प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में प्रयास किए जाय. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा मिले, इस दिशा में और प्रयास किए जाय.

राज्य में शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा देना होगा. राज्य में एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं. पर्यटन को बढ़ावा देने से राज्य की आर्थिकी में तेजी से वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की संस्कृति के संरक्षण के लिए भी और प्रयासों की जरूरत है. पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे.

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 2025 में जब राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा तब तक अपने विभागों के माध्यम से राज्य के विकास में हम क्या महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने होंगे. उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि राज्य में जय जवान, जय किसान को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है. उन्होंने कहा की उत्पादों में आंकड़ों के बजाय गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. अधिकारी सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभार्थियों तक लाभ समय पर पहुंचे.

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि 2025 को लेकर जो ये चिंतन शिविर हुआ है, राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सहायक सिद्ध होगा. इस तरह का चिंतन शिविर विभागवार भी होना चाहिए. जिलाधिकारियों को और अधिक अधिकार मिले, हमें इस दिशा में सोचना होगा. अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को सराहना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 2025 तक हमें 5 संकल्प पर कार्य करना होगा. सम्पूर्ण शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड, क्षय रोग मुक्त उत्तराखंड, गरीबी एवं नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करना होगा.

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए कार्यपालिका एवं विधायिका के बीच सही समन्वय जरूरी है. जंगलों को बचाने के लिए एवं लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर विशेष ध्यान देना होगा. वन पंचायतों के माध्यम से लोगों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. इको टूरिज्म की संभावनाओं को और बढ़ाना होगा. एरोमेटिक फार्मिंग की दिशा में राज्य में प्रबल संभावनाएं हैं. इसके लिए स्थानीय लोगों को एरोमेटिक फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाय. साइंटिफिक तरीके से नदियों, नालों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में प्रयास करने होंगे. हर्बल सेक्टर में भी लोगों को जागरूक किया जाय.

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण एवं युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा. महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं.

कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि आज हम बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. 03 साल में राज्य में परिवहन विभाग ने 35 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की है. एमएसएमई के तहत राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं. हमें पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को तेजी से बढ़ावा देना होगा.

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में लोगों की आजीविका बढ़ाने के राज्य में विशेषकर पर्वतीय जनपदों में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह एक अच्छा सैक्टर है. मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में हमें इनोवेटिव मार्केटिंग की जरूरत है. उत्तरा फिश प्रोजेक्ट को प्रारम्भ किया गया है. राज्य में वेटनरी एम्बुलेंस को लांच किया गया है. डेरी उत्पादों को राज्य में प्रमोट किया गया है. राज्य में गोट वैली कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है.

इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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