उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने हाकम सिंह समेत 10 और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. इससे पहले 18 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी. शेष आरोपियों के खिलाफ भी चार्जशीट तैयार की जा रही है, जो जल्द दाखिल की जाएगी.
दिसंबर 2021 में हुई परीक्षा में शुरुआत से ही धांधली की बातें कही जा रही थीं. इस पर प्राथमिक जांच हुई और मुख्यमंत्री के आदेश पर 22 जुलाई को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. 24 जुलाई से एसटीएफ ने गिरफ्तारियां शुरू कर दीं. पहले दिन छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी के दो कर्मचारी भी शामिल थे. इसके अलावा एक कोर्ट का कनिष्ठ सहायक भी था.
पता चला कि कंपनी के एक कर्मचारी ने टेलीग्राम के माध्यम से परीक्षा का प्रश्नपत्र अपने अन्य साथियों तक भेजा. इसके बाद लगातार गिरफ्तारियां हुईं. उत्तरकाशी परीक्षा धांधली का केंद्र बनकर उभरा. यहां के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को भी एसटीएफ ने 13 अगस्त को गिरफ्तार किया.
उससे लिंक सामने आया बिजनौर के धामपुर का. यहां के नकल माफिया केंद्रपाल के बाद कड़ी खुली तो जांच परीक्षा कराने वाली आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश चौहान तक जा पहुंची.
पता चला कि पेपर उसी ने लीक कराया, जिसके एवज में दो करोड़ रुपये लिए गए. अब तक इस मामले में मास्टरमाइंड मूसा समेत 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि 20 सितंबर को 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. अब 10 और के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई है. बता दें कि मंगलवार को हाकम सिंह के सांकरी स्थित रिजॉर्ट को बुलडोजर से ढहा दिया गया.
हाकम सिंह, केंद्रपाल, चंदन सिंह मनराल, जगदीश गोस्वामी, ललित राज शर्मा, राजवीर सिंह, तनुज शर्मा, अंकित उर्फ बॉबी रमोला, विपिन बिहारी और दिनेश चंद जोशी.
शूरवीर सिंह चौहान, कुलवीर सिंह, मनोज जोशी, गौरव नेगी, जयजीत दास (कंपनी का कर्मचारी), मनोज जोशी (पीआरडी कर्मचारी), अभिषेक वर्मा (कंपनी का कर्मचारी), भावेश जगूड़ी, दीपक शर्मा, अंबरीश कुमार, महेंद्र चौहान (कोर्ट में कनिष्ठ सहायक), हिमांशु कांडपाल (कोर्ट में कनिष्ठ सहायक), तुषार चौहान, सूर्यप्रताप सिंह, गौरव चौहान, विनोद जोशी (पुलिस कांस्टेबल), संजय राणा.