यमुनोत्री पैदल मार्ग को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए, जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने नए नियम लागू किए हैं। अब जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर और डंडी के आवागमन के लिए अधिकतम संख्या और समय निर्धारित कर दिए गए हैं।
अब यात्रियों को निर्देशित किया गया है कि वे घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी का उपयोग करते हुए 60 मिनट के भीतर यमुनोत्री के दर्शन करके वापस लौटें, अन्यथा संचालक बिना यात्री को लिए ही वापस लौट आएंगे।
आदेश के अनुसार जानकीचट्टी से यमुनोत्री और यमुनोत्री से जानकीचट्टी तक घोड़े-खच्चरों की अधिकतम संख्या 800 निर्धारित की गई है। इस मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगा। 800 घोड़े-खच्चरों के राउंड पूरे होने पर जानकीचट्टी से उसी अनुपात में नए घोड़े-खच्चर भेजे जाएंगे जिस अनुपात में ये यमुनोत्री से वापस लौटेंगे।