धारी देवी से निकलकर लगभग 20 किमी की दूरी तय करने के बाद यात्री रुद्रप्रयाग जिले में प्रवेश करेंगे। इस जिले में दो रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं: तिलणी-सुमेरपुर और घोलतीर। धारी देवी से नरकोटा तक, रेलवे लाइन 24 मीटर ऊंचे पुल से होकर गुजरेगी, जहां से ट्रेन इस क्षेत्र में पहुंचेगी।
इस स्टेशन पर दो प्लेटफार्म होंगे, जो यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बनाए जाएंगे। यह पूरी रेल लाइन अधिकांशतः सुरंगों के माध्यम से गुजरेगी, जिससे यात्रियों को एक रोमांचक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इस लाइन के माध्यम से करीब 30 से अधिक गांवों को जोड़ा जाएगा, जिससे वहां के निवासियों को सीधा रेल कनेक्शन मिलेगा।
इस स्टेशन से केदारनाथ की दूरी लगभग 92 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी। रुद्रप्रयाग पंच प्रयागों में से एक है, जो अलकनंदा नदी के पांच प्रमुख संगमों में से एक के रूप में प्रसिद्ध है।
कार्तिक स्वामी मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। केदारनाथ चारधाम यात्रा के दौरान हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। ऋषिकेश से केदारनाथ तक पहुंचने के लिए यात्री आमतौर पर सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कभी-कभी खराब मौसम या अन्य कारणों से हाईवे बंद हो जाता है, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में ट्रेन सेवा शुरू होने से यात्रा अधिक सुविधाजनक हो जाएगी और यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। इसके अलावा चोपता और तुंगनाथ जाने वाले यात्रियों के लिए भी यह रेल परियोजना एक बड़ी राहत साबित होगी। इस परियोजना के अंतर्गत रुद्रप्रयाग जिले में खांकरा, नरकोटा, रैंतोली, सुमेरपुर और घोलतीर में पांच सुरंगों का निर्माण हो रहा है, जिससे यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।