चार धाम यात्रा पर इस बार कोरोना का बड़ा असर पड़ा. सभी धामों में पहुंचने वाले कुल श्रद्धालुओं की संख्या 4.48 लाख रही.
जबकि यही संख्या पिछली बार रिकॉर्ड 34.10 लाख रही. यही स्थिति धामों की कमाई की भी रही। सालाना 55 करोड़ की कमाई इस बार आठ करोड़ पर सिमट गई है.
धामों में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की कम संख्या की स्थिति ये रही कि यमुनोत्री धाम में तो आंकड़ा दस हजार के पास भी नहीं पहुंचा.
यहां इस साल सिर्फ आठ हजार श्रद्धालु ही पहुंचे। जबकि पिछले साल यहां 4.66लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। कोरोना के कारण पहले तो इस बार कपाट समय पर नहीं खुले.
कपाट खुले, तो श्रद्धालुओं को दर्शन की मंजूरी नहीं दी गई. सिर्फ पूजा पाठ तक गतिविधि सीमित रही.
पहले चरण में सिर्फ जिले के भीतर के लोगों को मंजूरी दी गई. दूसरे चरण में राज्य के भीतर के श्रद्धालुओं ने ईपास के जरिए दर्शन किए.
तीसरे चरण में राज्य से बाहर के लोगों को तमाम शर्तों के साथ मंजूरी दी गई.
इन बंदिशों और कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की संख्या सीमित ही रही. श्रद्धालुओं की इस सीमित संख्या के कारण मंदिरों में दान दक्षिणा, भेंट, चढ़ावा भी सीमित रहा. 55 करोड़ की कमाई का आंकड़ा आठ करोड़ तक सीमित रहा.