ऋषिकेश| चिकित्सा उपकरणों की खरीद में धांधली कर ऋषिकेश एम्स को 6 करोड़ का चूना लगाने पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई ने एम्स प्रोफेसर, बिहार के पूर्व मंत्री का बेटा समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया है. सीबीआई ने सोमवार को मुकदमा दर्ज कर बुधवार को आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दी.
छापेमारी में अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया जा रहा है. सीबीआई की टीम ने दो आरोपियों को गुप्त स्थान पर ले जाकर घंटों पूछताछ की. चिकित्सा उपकरणों में खरीद घोटाले की खबर के बाद 31 मार्च को सीबीआई की टीम एम्स ऋषिकेश पहुंची थी. टीम ने एम्स अधिकारियों के साथ चिकित्सा उपकरण खरीद प्रकरण की जांच की.
जांच में खुलासा हुआ कि उपकरण खरीद समिति के संयोजक डॉक्टर बलराम उमर ने अधिकारों का दुरुपयोग कर खरीद एजेंसी को अनुचित फायदा पहुंचाया. बताया गया कि खरीद प्रक्रिया से एम्स ऋषिकेश को 6 करोड़ का नुकसान पहुंचा. सीबीआई ने एम्स प्रोफेसर सहित 7 नामजद और एक अज्ञात पर 21 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया.
एक आरोपी निखिल बिहार सरकार के पूर्व पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का बेटा है. बुधवार को सीबीआई की टीम डॉक्टर बलराम उमर और ऋषिकेश में निखिल के आवास पर छापे मारे. निखिल के खिलाफ ऋषिकेश कोतवाली में पहले से भी केस दर्ज हैं.
सीबीआई की छापेमारी में 3 साल पहले खरीदी वेसल सीलिंग मशीन का एक अन्य सहायक उपकरण भी हाथ लगा. बताया गया 3 साल से पैकिंग नहीं खोली गई थी. अंदाजा है कि खरीद का उद्देश्य फर्म को फायदा पहुंचाने का था. एम्स ऋषिकेश में अनियमिताओं की जांच के लिए 31 मार्च को सीबीआई और एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पहुंची थी. वर्ष 2019 और 2020 के दौरान उन्नत वेसल सीलिंग उपकरणों को ऊंची कीमत पर खरीद लिया गया था.
खरीदी से ऋषिकश एम्स को नुकसान हुआ और निजी फॉर्म को लाभ पहुंचा. अब सीबीआई ने 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दो लोगों के आवास पर सीबीआई ने दबिश भी है. छापेमारी के बाद से एम्स प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.