उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत से गिरते बोल्डर ने स्थानीय लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है। बुधवार को 15वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कमांडेंट सुदेश कुमार दराल के निर्देश पर इंस्पेक्टर राहुल कुमार अपनी टीम के साथ वरुणावत पर्वत की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने पहुंचे हैं।
मंगलवार रात को पर्वत से लगातार बोल्डर गिरने की घटनाओं से घबराए हुए गोफियारा क्षेत्र के कई परिवार अपने घरों से बाहर निकल आए। इस स्थिति के चलते अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और कुछ परिवारों ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के घरों में शरण ली। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गोफियारा क्षेत्र के कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा।
देर शाम तीन से चार घंटे की तीव्र बारिश के कारण गोफियारा से लेकर पल्ला ज्ञानसू तक कई गाड-गदेरे उफान पर आ गए। गोफियारा क्षेत्र में गदेरे के उफान से मलबे में फंसे वाहनों को निकालने के लिए जेसीबी मशीनों की मदद ली गई।
भटवाड़ी रोड के साथ ये बोल्डर मस्जिद मोहल्ले क्षेत्र में गिर रहे हैं। इससे डरे-सहमे गोफियारा क्षेत्र के कई परिवार जल निगम रोड पर आ गए हैं, जो कि पत्थर गिरना बंद होने का इंतजार कर रहे हैं।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने जानकारी दी है कि गोफियारा क्षेत्र के कुछ निवासियों को सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा। हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की गई थी। वर्ष 2003 में वरुणावत पर्वत पर भयंकर भूस्खलन हुआ था, जिसकी वजह से कई बहुमंजिला होटल नष्ट हो गए थे। यह घटना उस क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के प्रति गंभीरता और सावधानी की आवश्यकता को उजागर करती है।