भाजपा के लिए गढ़वाल और हरिद्वार लोकसभा सीटों पर तुरुप का इक्का कौन होगा, इस मुद्दे पर नई दिल्ली में चर्चा जारी है। दोनों सीटों को लेकर पार्टी के भीतर उत्तेजना की स्थिति है, जिसके बारे में पार्टी के सूत्रधारों ने सूचना दी है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के संदर्भ में सुनिश्चित किया है और उनसे प्रतिक्रिया ली है।
तीरथ सिंह रावत जिन्हें गढ़वाल सीट पर सांसद के रूप में चुना गया था, जब उन्हें 2019 में पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था, तो उन्हें जनरल बीसी खंडूड़ी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर पेश किया गया था। उन्होंने सांसद के पद पर कार्य किया और एक बार राज्य के मुख्यमंत्री भी बने।
हालांकि, उनकी सीएम पद से अनुभव साझा करने के लिए बेहद उत्सुक रहने के बावजूद, उन्हें सीएम की कुर्सी से विदाई का सामना करना पड़ा। उनकी तुलना में जैसे माला, अजय भट्ट, और अजय टम्टा ने अपना टिकट बरकरार रखने की उम्मीद की उसी तरह तीरथ भी उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने टिकट रोकने के इशारे किये हैं, जिससे स्पष्ट है कि वे अब अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।