बागेश्वर जिले की सुंदरढूंगा घाटी में स्थित देवीकुंड में इन दिनों जिस मंदिर के निर्माण को लेकर काफी चर्चा हो रही है, वह मंदिर अचानक से नहीं बना है। मंदिर निर्माण की योजना पिछले साल दिसंबर महीने से ही शुरू हो गई थी और यह बात सभी को मालूम थी।
दिसंबर 2023 के मध्य में प्रमुख समाचारपत्रों ने एक महत्वपूर्ण खबर प्रकाशित की, जिसमें 15,000 फुट की ऊंचाई पर बनने वाले मंदिर का उल्लेख था। स्वामी चैतन्य आकाश की उपस्थिति में कपकोट के वाछम गांव के ग्रामीणों ने 22 जून को देवीकुंड में मां आनंदश्वरी दुर्गा मंदिर की नींव रखी थी। इस घटना को भी समाचारपत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। नौ जुलाई को मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हुआ और इस खबर को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। सोशल मीडिया पर भी मंदिर के निर्माण की खबर व्यापक रूप से फैली, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
विगत दिनों स्वामी चैतन्य आकाश का देवीकुंड में स्नान करते फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। कुंड में नहाने का फोटो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक मान्यता के खिलाफ बताते हुए विरोध किया था। सोमवार को डीएम के सामने दानपुर सेवा समिति ने मामला उठाया था। देवीकुंड में स्नान का फोटो वायरल होने के बाद ही मंदिर निर्माण का मामला गर्माया है।
मंदिर निर्माण की योजना सार्वजनिक होने, जून माह में मंदिर का शिलान्यास होने और मंदिर का निर्माण पूरा होने की बात सामने आने के बाद भी प्रशासन, वन विभाग की निंद्रा नहीं टूटी। जबकि सुंदरढूंगा क्षेत्र में बगैर वन विभाग की अनुमति के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता। बगैर वन विभाग के संज्ञान में आए वहां कैसे मंदिर निर्माण के लिए सामग्री पहुंच गई। कैसे निर्माण हो गया, यह अहम और अनसुलझा सवाल है।