उत्तराखंड में बिजली की कमी से प्रदेशवासियों को बहुत ही परेशानी हो रही है, लेकिन अब इस समस्या का समाधान नजदीक आ रहा है। राज्य सरकार ने अत्याधुनिक तकनीकी के साथ बिजली उत्पादन को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे उत्तराखंड में बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा।
यूजेवीएनएल ने इस संदर्भ में पांच प्रोजेक्ट्स को गति देने का फैसला किया है, जिनमें से एक है बिजली को बैटरी में स्टोर करने का प्रयास। इस साइंटिफिक उपाय से न केवल ऊर्जा की बर्बादी कम होगी, बल्कि विद्युत आपूर्ति में भी सुधार आएगा।
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड राज्य में बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पांच जल विद्युत परियोजनाओं पर पंप स्टोरेज प्लांट स्थापित करने जा रहा है। इन योजनाओं में इछाड़ी (400 मेगावाट), लखवाड़ व्यासी (200 मेगावाट), व्यासी कटापत्थर (150 मेगावाट), कालागढ़ (168 मेगावाट) और मनेरी भाली स्टेज-1 (100 मेगावाट) शामिल हैं।
इन पंप स्टोरेज प्लांट्स के शुरू होने से राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता में कुल 1018 मेगावाट की वृद्धि होगी। इसके साथ ही, राज्य की वार्षिक आमदनी में करीब 955 करोड़ रुपये का इजाफा भी होगा। इन प्लांट्स के लिए प्रारंभिक तकनीकी रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद निविदा प्रक्रिया शीघ्र ही आरंभ की जाएगी।