उत्‍तराखंड

कोरोना के बाद उत्तराखंड में स्वाइन फीवर को लेकर अलर्ट जारी, अब तक 115 सूअरों की मौत

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कोरोना के बाद अब एक और संक्रामक रोग ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. उत्तराखंड में पालतू सूअरों में भयानक संक्रामक रोग अफ्रीकन स्वाइन फीवर (एएसएफ) की पुष्टि होने पर पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. पशुपालन निदेशक डॉ. प्रेम कुमार ने पशु चिकित्सा अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा कि बुखार से प्रभावित सूअर किसी दूसरे पशु के संपर्क में न आए.

पशुपालन निदेशक ने बताया कि पौड़ी में 35 और देहरादून में 80 सूअरों की मौत के बाद सैंपल जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली भेजे गए थे. जांच में सूअरों की मौत का कारण अफ्रीकन स्वाइन फीवर पाया गया है.

डॉ. प्रेम ने बताया, स्वाइन फीवर बीमारी से केवल सूअर प्रभावित होते हैं. मनुष्य के लिए यह हानिकारक नहीं है. इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है. हां, यह जरूर है कि बीमारी से प्रभावित सूअर से एक निश्चित दूरी रखनी चाहिए।

क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर  

अफ्रीकी स्वाइन फीवर घरेलू और जंगली पशुओं में होने वाला एक बेहद ही संक्रामक रक्तस्रावी वायरल रोग है. यह एसफेरविरिडे (Asfarviridae) परिवार के एक बड़े DNA वाले वायरस की वजह से होता है. इस रोग में पशुओं की केवल उत्पादकता ही नहीं प्रभावित होती है, बल्कि इससे इनकी मृत्यु भी हो जाती है. सूअर को तेज बुखार, लड़खड़ा कर चलना, सफेद सूअर के शरीर पर नीले चकते होना, सुस्ती, खाना-पीना छोड़ देना – यह सभी अफ्रीकी स्वाइन फीवर के लक्षणों में शामिल है.

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