देहरादून से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने 16 साल बाद एक बेटे को अपनी मां से मिलवा कर मानवता की मिशाल पेश की है.
बता दें कि 25 जून को एक व्यक्ति द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित एएचटीयू के कार्यालय में आकर बताया कि उसे करीब 16 साल पहले जब उसकी आयु करीब 9 साल थी तो एक व्यक्ति द्वारा घर के पास से उठाकर राजस्थान में किसी अनजान जगह पर ले जाया गया. जहां उनके द्वारा उससे भेड़-बकरी चराने का कार्य करवाया जाता था. वर्तमान में किसी व्यक्ति की सहायता से वह देहरादून पहुंचा पर उसे अपने घर का पता और परिजनों के सम्बंध में कोई जानकारी याद नहीं है और न ही उसे अपना असली नाम याद है. उसे यह याद था कि उसके पिताजी की परचून की दुकान थी और घर पर उसकी माता सहित 4 बहनें थी. लेकिन किसी का नाम याद नहीं था.
जिस पर पुलिस द्वारा उक्त व्यक्ति के रूकने व खाने की व्यवस्था करते हुए, सोशल मीडिया व पम्पलेट के माध्यम से उक्त व्यक्ति की जानकारी से जनपद के सभी थानो को अवगत कराते हुए अपने-अपने थाना क्षेत्रो में युवक के परिजनो की तलाश के निर्देश दिए. इसके साथ ही दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से भी युवक से सम्बन्धित जानकारी को प्रकाशित किया गया.
एक जुलाई को बंजारावाला निवासी एक महिला आशा शर्मा पत्नी कपिल देव शर्मा द्वारा समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को पढकर एएचटीयू कार्यालय में आकर जानकारी दी. महिला ने बताया कि उनके बेटे का नाम मोनू था. जो साल 2008 में घर से गायब हो गया था. परिजनों ने उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश व अन्य कई स्थानो पर युवक की काफी तलाश की. लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला. ये सब सुनने के बाद पुलिस ने महिला को युवक से मिलवाया.
बुजुर्ग महिला ने युवक से इन सभी बातों का जिक्र किया. जिस पर युवक द्वारा अपनी मां आशा शर्मा निवासी बंजारावाला की पहचान की गई. अपनी मां को 16 सालों बाद देख युवक की आंखें भर आई और युवक ने अपनी मां को गले से लगा लिया. 16 वर्षो बाद अपने खोये हुए बेटा को वापस पाकर महिला की आंखों में भी ख़ुशी के आंसू थे. जिसके बाद बुजुर्ग महिला ने देहरादून पुलिस का आभार व्यक्त किया.