अब कांवड़ मेला अपने चरम पर है, और गंगा घाटों से लेकर हाईवे तक हर जगह केसरिया रंग की छटा बिखरी हुई है। सोमवार को लगभग 62 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर प्रस्थान किया। आठ दिनों के भीतर कुल एक करोड़ 83 लाख 40 हजार कांवड़ियों ने इस मेले में हिस्सा लिया है। इस दौरान 47 कांवड़ियों को डूबने से बचाया गया, जबकि एक कांवड़िया डूबकर लापता हो गया।
धर्मनगरी में इस बार पैदल जाने वाले कांवड़ यात्रियों की संख्या में थोड़ी कमी देखी गई, लेकिन डाक कांवड़ियों की भारी भीड़ उमड़ी है। हरिद्वार से आने-जाने वाले रास्तों पर डाक कांवड़ियों का बोलबाला है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल के अनुसार, सोमवार शाम छह बजे तक 62 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरकर अपनी यात्रा शुरू की है।
हरिद्वार से आठ दिन में एक करोड़ 83 लाख 40 हजार कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर जा चुके हैं। अलग-अलग जगहों से गंगा में डूबते हुए 47 यात्रियों को जल पुलिस, एसडीआरएफ की टीमों ने बचाया है। एक लापता हुआ है।
इस बार शिवरात्रि का पर्व 2 अगस्त को मनाया जाएगा, जिसमें भक्तगण भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करेंगे। देशभर से कांवड़ यात्री अपने अपने गंतव्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, और कई ने तो मंदिरों तक पहुंच भी बना ली है।