उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ट्रैकिंग के लिए गए नौ ट्रैकरों की मौत हो गई. ये जानकारी बुधवार को अधिकारियों ने दी. अधिकारियों के मुताबिक, उत्तरकाशी-टिहरी सीमा पर ट्रेक से बचाए गए 13 ट्रैकरों में से आठ को हवाई मार्ग से देहरादून ले जाया गया है. अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ऊपरी हिमालय में सहस्त्र ताल ट्रेक के दौरान खराब मौसम के कारण रास्ता भटकने से 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल के नौ सदस्यों की मौत हो गई. बाकी 13 ट्रैकरों को बचा लिया गया है.
अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त हवाई-जमीनी अभियान शुरू किया गया था. उत्तरकाशी-टिहरी सीमा पर ट्रेक से बचाए गए 13 ट्रैकरों में से आठ को बुधवार को हवाई मार्ग से देहरादून ले जाया गया है. एसडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, ‘नौ लोग मारे गए हैं, जबकि 13 को सफलतापूर्वक बचा लिया गया है.
उन्होंने कहा कि हमने 5 शवों को नीचे लाए हैं, शेष 4 को कल निकाला जाएगा क्योंकि आज खराब मौसम के कारण हमें बचाव अभियान रोकना पड़ा.’ बता दें कि 29 मई को हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी, मनेरी द्वारा कर्नाटक के 18 और महाराष्ट्र के एक ट्रैकर के अलावा तीन स्थानीय गाइड सहित 22 सदस्यीय ट्रैकिंग टीम को सिला-कुशकल्याण-सहस्त्र ताल के 35 किलोमीटर लंबे ट्रेक पर भेजा गया था. ये उत्तरकाशी से लगभग 4,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मध्यम आकार की उच्च ऊंचाई वाली झील है.
उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) देवेंद्र पटवाल ने कहा कि टीम को 7 जून तक लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन सहस्त्र ताल से बेस कैंप की ओर बढ़ते समय खराब मौसम के कारण वह रास्ता भटक गई. सूचना मिलने के बाद डीएम ने एसडीआरएफ मुख्यालय को तुरंत बचाव दल भेजने को कहा और स्थानीय बचाव दल को भी घटनास्थल पर पहुंचने को कहा. बिष्ट ने फंसे हुए ट्रैकरों को बचाने के लिए भारतीय वायु सेना के माध्यम से हेली बचाव अभियान चलाने को भी कहा. बुधवार को, ट्रेक मार्ग पर फंसे हुए ट्रेकर्स को बचाने के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के दो चेतक हेलीकॉप्टर और एक निजी हेलिकॉप्टर तैनात किया गया था. एसडीआरएफ ने भी देहरादून और उत्तरकाशी में दो टीमें भेजीं.
तीन गाइडों सहित 22 सदस्यीय ट्रैकिंग समूह को 29 मई को सहस्त्र ताल के लिए रवाना होने की उम्मीद थी, उनमें से दो खराब स्वास्थ्य के कारण बेस कैंप में ही रुक गए. उनमें से बीस लोग शिखर पर पहुंचे. एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि ट्रैकिंग के दौरान समूह को खराब मौसम का सामना करना पड़ा और वे अपना रास्ता भटक गए. अधिकारी ने बताया कि बेस कैंप के दो लोगों सहित 13 सदस्यों को बचा लिया गया, जबकि पांच अन्य मृत पाए गए.
वहीं मृतक ट्रैकर्स की पहचान सिंधु वकेकलम (45), आशा सुधाकर (71), सुजाता मुंगुरवाड़ी (51), विनायक मुंगुरवाड़ी (54), चित्रा प्रणीत (48), पद्मनाभ कुंडापुर कृष्णमूर्ति (50), वेंकटेश प्रसाद केएन (53) के रूप में की गई है. अधिकारियों ने कहा, अनीता रंगप्पा (60) और पद्मिनी हेगड़े (34), सभी कर्नाटक के बेंगलुरु के निवासी हैं.