उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम ने करवट ली. उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा में हिमस्खलन की चपेट में आने से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के 30 प्रशिक्षणार्थी बर्फ में फंस गए हैं. इस हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात कर सेना की मदद मांगी है.
पर्वतारोहण अभियान में 33 प्रशिक्षुओं और सात प्रशिक्षकों सहित 40 लोग शामिल थे. अब तक 3 प्रशिक्षु और 7 प्रशिक्षकों सहित 10 को बचाया गया. सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. राहत और बचाव कार्य के लिए वायुसेना ने अपने दो चीता हेलिकॉप्टर को लगाया है.
वायुसेना का कहना है कि हमने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है, कुछ हेलिकॉप्टर को स्टैंड बाई मोड में रखा गया है. इस हादसे में कुछ पर्वतारोहियों की मौत की भी खबर है. उनके मौत पर खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है. ट्वीट करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए गए पर्वतारोहण अभियान में भूस्खलन के कारण जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ.
अपने प्रियजनों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं. सीएम धामी ने जानकारी देते हुए बताया, ‘द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए निम की टीम के साथ जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आइटीबीपी के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है.
हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना है. उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है. सभी को सुरक्षित निकालने हेतु रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है.
इस बीच 6 से लेकर 8 अक्टूबर तक भारी बारिश का अलर्ट जारी है. कुमाऊं क्षेत्र में अधिक बरसात होगी, जबकि गढ़वाल एरिया में भी असर रहेगा. वहीं दारमा घाटी में चीन सीमा के निकट स्थित अंतिम चौकी के समीप इस सीजन की तीसरी बर्फबारी हुई.