उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड के सात गांवों में रहने वाली 215 महिलाएं अब प्रदेश की पहली ड्रोन दीदी बन गई हैं। कृषि विभाग और नाबार्ड की सहायता से, जखोल के वीरांगना कृषक उत्पादक संगठन ने स्वायत्त सहकारिता की महिलाओं को ड्रोन उपलब्ध करवाया है। इसके माध्यम से, यह महिलाएं अब अपने बगीचों से लगभग 15 किलो सेब को सुरक्षित स्थान तक पहुंचा सकेंगी।
कृषि और बागवानी क्षेत्र को तकनीकी रूप से समृद्ध करने के लिए कृषि विभाग और नाबार्ड की सहायता से उन क्षेत्रों में संगठनों और समूहों को ड्रोन प्रदान किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में कृषि विभाग द्वारा 75 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है।
उत्तरकाशी के मोरी विकासखंड में स्थित जखोल गांव की वीरांगना कृषक उत्पादक संगठन के स्वायत्त सहकारिता में जुड़ी महिलाओं को पहली बार ड्रोन की सहायता से लगभग नौ लाख की मूल्यवान योजना प्रदान की जा रही है। यह ड्रोन उन्हें अपनी भूमि पर कीटनाशक दवाओं और जैविक खाद का छिड़काव करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, इन ड्रोन्स की सहायता से 15 किलो सेब को एक बार में सड़क तक पहुंचाया जा सकता है।