आपको बता दे कि एड फ्रॉड स्कीम सामान्य मैलवेयर से अलग होती है. ये डेटा चुराने या डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के बजाय, इनमें अपराधी एडवरटाइजर्स को नकली यूजर एंगेजमेंट के लिए पेमेंट कराने के लिए यूज करते थे. इनको देखकर आपको ऐसा लगेगा जैसे एड को रियल यूजर्स देख रहे हैं. जबकि ये एड नहीं होते हैं. जबकि कुछ मामलों में यूजर्स को विज्ञापन दिखते हैं, लेकिन इतनी ज्यादा फ्रीक्वेंसी के साथ कि उनका ऐप एक्सपीरियंस खराब हो जाता है और वे Play Store से दूर हो सकते हैं.
इसको देखते हुए फ्रॉड करने वाले लोगों ने ऐसे भ्रामक ऐप बना दिए और उनको लोकप्रिय कैटेगरी में रख दिया. जिससे कई यूजर्स ने अनजाने में इन एप्स को डाउनलोड कर लिया. यह सभी ऐप Google Play Protect को भी बायपास करने में कामयाब रहे हैं, जो आपको हानिकारक ऐप्स से सुरक्षा के लिए Android का इंटीग्रेटेड सुरक्षा फ़ीचर है. इसलिए अगर आपके फोन में भी ऐसे कोई ऐप्स हैं तो उन्हें तुरंत अनइंस्टाल या डिलीट कर दें.