संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का अध्यक्ष चुना गया है. यह पद भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था, जो कई महीनों से यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे थे. पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी. जिसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ की कार्यकारणी भंग कर दी गई थी. अब नए चुनाव में शरण सिंह के करीबी को संजय सिंह को डब्लूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है.
संजय सिंह ने 47 में से 40 वोट हासिल किए और बड़ी जीत दर्ज की है. उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण को मात दी है. श्योराण को पहलवानों का सपोर्ट था, क्योंकि वे छह बार के बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहले सड़कों पर उतरे थे.
संजय सिंह ने इससे पहले उत्तर प्रदेश कुश्ती संस्था के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. इसके अलावा संजय सिंह 2019 से डब्ल्यूएफआई की अंतिम कार्यकारी परिषद और इसके संयुक्त सचिव का हिस्सा थे.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन के दौरान पहलानों से वादा किया गया था. उनसे कहा गया था कि चुनाव लड़ने में सांसद के परिवार के किसी भी सदस्य को अनुमति नहीं दी जाएगी. जिसके बाद बृजभूषण के बेटे प्रतीक और दामाद विशाल इस रेस से बाहर रहे, लेकिन उनके सहयोगी संजय सिंह ने इस चुनाव में अपनी ताल ठोकी.
डब्ल्यूएफआई चुनाव के लिए प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी. हालांकि, कोर्ट में इस फैसले को लेकर लगातार देरी होती रही. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को खारिज कर दिया था. जिसके बाद चुनाव का रास्ता साफ हो गया.