कोपनहेगन|…. भारत के अनुभवी शटलर एचएस प्रणय का बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने का सपना टूट गया है. प्रणय को पुरुष एकल सेमीफाइनल में थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्ण से हार का सामना करना पड़ा. पहला गेम जीतने के बाद प्रणय लय बरकरार नहीं रख सके और मुकाबला गंवा बैठे. उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. इस तरह भारत ने 2011 के बाद से विश्व चैम्पियनशिप में कम से कम एक पदक जीतने का रिकॉर्ड बरकरार रखा.
31 वर्षीय प्रणय विश्व के तीसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के खिलाफ शुरुआती गेम की बढ़त गंवा बैठे. दूसरे गेम में वह 5-1 से बढ़त बनाए थे लेकिन तीन बार के पूर्व विश्व जूनियर चैम्पियन ने बेहतर ‘डिफेंस और अटैक’ के बूते 18-21, 21-13, 21-14 से जीत हासिल कर लगातार दूसरे फाइनल में प्रवेश किया. इस हार के बावजूद प्रणय के लिए यह शानदार उपलब्धि रही क्योंकि वह विश्व चैम्पियनशिप का पदक जीतने वाले पांचवें भारतीय पुरुष एकल खिलाड़ी बन गए.
इससे पहले किदाम्बी श्रीकांत (रजत), लक्ष्य सेन (कांस्य), बी साई प्रणीत (कांस्य) और प्रकाश पादुकोण (कांस्य) पुरुष एकल में पदक जीत चुके हैं. दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने एक स्वर्ण (2019) सहित पांच एकल पदक जीते हैं. साइना नेहवाल (रजत और कांस्य) ने दो पदक जीते हैं जबकि ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने 2011 में कांस्य पदक जीता था. सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने 2022 में कांस्य पदक जीता था.
भारत के शीर्ष रैंकिंग के पुरुष एकल खिलाड़ी ने अच्छी शुरुआत की लेकिन दूसरे गेम से उनके खेल में थकान का असर दिखने लगा जो शायद पिछले दो दिन में खेले गए तीन गेम के मैचों के कारण हो. प्रणय ने अपने पसंदीदा स्ट्रेट स्मैश से शुरुआत की लेकिन तीसरे वरीय वितिदसर्ण ने दो विनर जमाकर 3-3 से वापसी की और दोनों 5-5 की बराबरी पर आ गए. भारतीय खिलाड़ी ने रैली बढ़ाने की कोशिश और प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की गलतियों से 9-5 से बढ़त बना ली. एक और शानदार क्रॉस कोर्ट स्मैश से वह 11-5 से आगे थे. उन्होंने रैलियों पर नियंत्रण बनाते हुए 16-8 से बढ़त बना ली.