वर्ल्ड चैंपियन मुक्केबाज निकहत जरीन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. 26 वर्षीय निकहत इसी साल मई में वर्ल्ड चैंपियन बनी थीं. अब उन्होंने डेब्यू कॉमनवेल्थ गेम्स में पीला तमगा हासिल किया है.
निकहत ने भारत को 17वां गोल्ड दिलाया. भारत के पदकों की संख्या अब 48 पहुंच गई है. इसके साथ ही भारत कॉमनवेल्थ गेम्स टैली में न्यूजीलैंड को पछाड़ कर चौथे नंबर पहुंच गया है.
जरीन से पहले भारतीय मुक्केबाज अमित पंघल और नीतू गंघास ने अपने दबदबे भरा प्रदर्शन जारी रखते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किए. इन दोनों मुक्केबाजों ने अपने मुकाबलों के फाइनल में मेजबान देश इंग्लैंड के प्रतिद्वंद्वी को पराजित किया.
पंघल ने इस तरह पिछले चरण के सिल्वर मेडल का रंग बेहतर किया. उन्होंने पुरुषों के फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) वर्ग में यूरोपीय चैम्पियनशिप के सिल्वर मेडल विजेता मैकडोनल्ड कियारान को 5-0 के अंतर से मात दी.
सबसे पहले रिंग में उतरी नीतू ने महिलाओं के मिनिममवेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में वर्ल्ड चैंपियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता रेस्जटान डेमी जेड को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया. वर्ल्ड चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और एशियाई खेलों के गोल्ड मेडलिस्ट पंघल अपने छोटे कद के बावजूद मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों में बेहतर दिखायी दिए.
कॉमनवेल्थ गेम्स में ही नीतू ने गजब का आत्मविश्वास दिखाया और फाइनल में भी वह इसी अंदाज में खेली जैसे पिछले मुकाबलों में खेली थीं. उन्होंने पूरे 9 मिनट तक मुकाबले के तीनों राउंड में नियंत्रण बनाये रखा और विपक्षी मुक्केबाज को कहीं भी कोई मौका नहीं दिया. नीतू ने तेज तर्रार, सटीक मुक्कों से प्रतिद्वंद्वी को चारों खाने चित्त कर दिया.