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बीसीसीआई बड़े बदलाव करने की तैयारी में, जारी किया 10 सूत्रीय एजेंडा

अभी हाल ही में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. जिसमें उसे बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में 3-1 से करारी हार मिली थी. दौरे पर मिली हार के बाद बीसीसीआई ने रिव्यू मीटिंग की, जिसके बाद से ही ऐसी रिपोर्ट्स आने लगी थीं की बोर्ड बड़े बदलाव करने की तैयारी में है. अब गुरुवार को बोर्ड ने मीटिंग में लिए गए फैसलों का एक 10 सूत्रीय एजेंडा सामने आया है, जिसमें खिलाड़ियों से कई तरह के हक छीन लिए गए हैं. तो आइए यहां आपको सभी 10 एजेंडे के बारे में बताते हैं…

  1. डोमेस्टिक मैचों में खेलना
    बीसीसीआई के दिशा-निर्देशों के हिसाब से राष्ट्रीय टीम में सिलेक्शन और सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए एलिजिबल रहने के लिए खिलाड़ियों के लिए डोमेस्टिक मैचों में खेलना अनिवार्य है. यह नीति सुनिश्चित करती है कि खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट पारिस्थिति की तंत्र से जुड़े रहें, प्रतिभा विकास को बढ़ावा दें, मैच फिटनेस बनाए रखें और समग्र घरेलू संरचना को मजबूत करें.
  2. परिवारों के साथ अलग से ट्रैवल करना

सभी खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि वे मैच और अभ्यास सत्र के लिए टीम के साथ यात्रा करें. अनुशासन और टीम की एकजुटता बनाए रखने के लिए परिवारों के साथ अलग से यात्रा की व्यवस्था करने की सलाह नहीं दी जाती है. अपवाद, यदि कोई हो, तो मुख्य कोच और चयन समिति के अध्यक्ष द्वारा पूर्व-अनुमोदित होना चाहिए.

  1. एक्स्ट्रा टाइम पीरियड
  2. खिलाड़ियों को टीम के साथ शेयर किए गए स्पेशिफाइड लगेज लिमिट का पालन करना आवश्यक है. किसी भी अतिरिक्त सामान की लागत को व्यक्तिगत खिलाड़ी द्वारा वहन किया जाना चाहिए. यह नीति रसद को सुव्यवस्थित करने और अनावश्यक खर्चों से बचने में मदद करती है.

बैगेज नियम:

लंबे टूर के दौरान (30 दिनों से अधिक):

खिलाड़ी: 5 पीस (3 सूटकेस + 2 किट बैग) या 150 किलोग्राम तक

सहायक कर्मचारी: 3 पीस (2 बड़े + 1 छोटे सूटकेस) या 80 किलोग्राम तक

दूरस्थ छोटी अवधि के दौरे (30 दिनों से कम):

खिलाड़ी: 4 पीस (2 सूटकेस + 2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक

सहायक कर्मचारी: 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक

डोमेस्टिक सीरीज:

खिलाड़ी: 4 पीस (2 सूटकेस + 2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक

सहायक कर्मचारी: 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक

  1. पर्सनल इम्प्लॉय पर बैन

व्यक्तिगत कर्मचारियों (जैसे, निजी प्रबंधक, शेफ, सहायक और सुरक्षा कर्मी) को दौरे या सीरीज पर बैन किया जाना चाहिए, जब तक कि BCCI द्वारा स्पष्ट रूप से उन्हें अपॉइंट न किया जाए. यह उपाय सुनिश्चित करता है कि टीम संचालन पर ध्यान केंद्रित रहे और लॉजिस्टिक संबंधी प्रॉब्लम्स को कम से कम किया जाए.

  1. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को बैग भेजना

खिलाड़ियों को उइक्यूपमेंट्स और पर्सनल चीजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बेंगलुरु भेजने के संबंध में टीम मैनेजमेंट के साथ तामलेल बैठाना चाहिए. अलग-अलग व्यवस्थाओं के कारण होने वाली कोई भी अतिरिक्त लागत खिलाड़ी की जिम्मेदारी होगी.

  1. प्रैक्टिस सेशन में रहना होगा प्रेजेंट

सभी खिलाड़ियों को निर्धारित अभ्यास सत्रों में पूरी तरह से उपस्थित होना होगा और आयोजन स्थल से एक साथ यात्रा करनी होगी। यह नियम प्रतिबद्धता को बढ़ावा देता है और टीम के भीतर एक मजबूत कार्य नैतिकता को बढ़ावा देता है।

  1. सीरीज/दौरों के दौरान पर्सनल शूट पर बैन

खिलाड़ियों को चल रही सीरीज या दौरे के दौरान व्यक्तिगत शूट या विज्ञापन में शामिल होने की अनुमति नहीं है। यह नीति ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचाती है और सुनिश्चित करती है कि खिलाड़ी क्रिकेट और टीम की जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित रखें।

  1. परिवार के ट्रैवल करने के नियम

परिवार के लिए जो ट्रैवल प्लान में बदलाव किए गए हैं, वो खिलाड़ियों की भलाई और टीम कमिटमेंट्स के बीच संतुलन बनाने के लिए बनाई गई है.

एलिजिबिलिटी: 45 दिनों के विदेशी दौरों के दौरान किसी भी खिलाड़ी की फैमिली, वाइफ और उसके बच्चे 2 हफ्तों के लिए ही साथ रह सकते हैं.

प्रोविजन: खिलाड़ियों के परिवारों के आने पर सिर्फ उनके रहने का खर्च बीसीसीआई उठाएगा, लेकिन इसके अतिरिक्त सारे ही खर्च खिलाड़ियों को खुद ही उठाने होंगे.

कॉर्डिनेशन: कोच, कप्तान और जीएम संचालन द्वारा सहमत तारीखों के दौरान ही परिवारों को ट्रैवल करने की अनुमति दी जाएगी.

अपवाद: इस नीति से किसी भी डिविजन को कोच, कप्तान और जीएम संचालन द्वारा पहले से तय किया जाना चाहिए. जो विजिटर्स टूर के दौरान एडिशनल एक्सपेंसेस आएंंगे उनका खर्च बीसीसीआई नहीं उठाएगी.

  1. खिलाड़ियों को बीसीसीआई की ऑफिशियल शूटिंग, प्रमोशनल एक्टिविटीज और इवेंट्स के लिए अवेलेवल होना जरूरी है. स्टेकहोल्डर्स के कमिटमेंट को पूरा करने और खेल को प्रमोट करने के लिए ये इवेंट्स महत्वपूर्ण हैं.
  1. दौरे के खत्म होने पर टीम के साथ ही होगा रहना

खिलाड़ियों को मैच सीरीज या दौरे के निर्धारित समय तक टीम के साथ ही रहना होगा, भले ही मैच तय समय से पहले खत्म हो जाएं. इससे टीम में एकता बनी रहेगी, टीम के बीच तालमेल बढ़ता है और टीम के प्रदर्शन पर भी इसका असर पड़ेगा.

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