बांग्लादेश की ओर से रखे गए 662 रन मुश्किल लक्ष्य का पीछा करने उतरी अफगानिस्तान की टीम 33 ओवर में 115 रन पर ढेर हो गई. उसकी ओर से दूसरी पारी में सर्वाधिक रन रहमत शाह के बल्ले से आया जिन्होंने 30 रन बनाए. अफगानिस्तान के सिर्फ 3 बैटर दहाई का आंकड़ा पार कर सके. बांग्लादेश की ओर से दूसरी पारी में पेसर तस्कीन अहमद ने सबसे अधिक 4 विकेट चटकाए जबकि शोरिफुल इस्लाम के खाते में 3 विकेट गए.
टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से ओवरऑल यह तीसरी सबसे बड़ी जीत है. इस लिस्ट में टॉप पर इंग्लैंड है. इंग्लैंड ने 1928 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 675 रन से जीत दर्ज की थी जबकि दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है. ऑस्ट्रेलिया ने साल 1934 में इंग्लैंड के खिलाफ 562 रन से टेस्ट मैच अपने नाम किया था.
बांग्लादेश ने इस तरह ऑस्ट्रेलिया का 112 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया ने 1911 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 530 रन से जीत दर्ज की थी. यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीसरी सबसे बड़ी जीत थी लेकिन अब बांग्लादेश ने तीसरे नंबर पर कब्जा कर लिया है.
नजमुल हुसैन शंटो ने दोनों पारियों में शतक (146 और 124 रन) लगाकर बांग्लादेश की जीत की नींव रखी. वह मोमिनुल हक के बाद टेस्ट क्रिकेट की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले बांग्लादेश के दूसरे बल्लेबाज बने हैं.
बांग्लादेश की पिछली सबसे बड़ी जीत 2005 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 226 रन से थी. अफगानिस्तान ने दिन की शुरुआत 2 विकेट पर 45 रन से की. दिन के तीसरे ओवर में ही इबादत हुसैन (22/1) ने नासिर जमाल (6 रन) को विकेटकीपर के हाथों कैच करा दिया.
रहमत शाह (30 रन) एक छोर पर डटे रहे तो वहीं दूसरे छोर से शरीफुल इस्लाम (28 रन पर तीन विकेट) ने अफसर जजाई (छह) और और बाहिर शाह (सात) को चलता किया. बाहिर कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी की जगह बल्लेबाजी के लिए आए थे. शाहिदी तस्कीन की बाउंसर पर तीसरे दिन चोटिल होने के बाद 13 रन पर रिटायर हर्ट हुए थे. तस्कीन ने रहमत को आउट कर टीम की बड़ी जीत सुनिश्चित कर दी. उन्होंने इसके बाद करीम जन्नत (18) और यामीन अहमदजई (एक ) को भी पवेलियन की राह दिखाई.
बांग्लादेश ने पहली पारी में 382 रन बनाने के बाद अफगानिस्तान को 146 रन पर आउट कर दिया था. टीम ने चार विकेट पर 425 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित की थी जिससे अफगानिस्तान को 662 रन का लक्ष्य मिला था.